tag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post965585062062809593..comments2023-10-29T19:13:19.184+05:30Comments on अनामिका की सदायें ...: क्या ऐसे होगा देश निर्माण ???अनामिका की सदायें ......http://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comBlogger41125tag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-24245826177932890552010-11-14T17:07:49.989+05:302010-11-14T17:07:49.989+05:30ekdam theek likhi hain aap.ekdam theek likhi hain aap.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-24965112370436763352010-11-14T12:52:41.116+05:302010-11-14T12:52:41.116+05:30http://www.facebook.com/home.php?#!/pages/India-Ke...http://www.facebook.com/home.php?#!/pages/India-Ke-Tukde-Mat-Karo/140427075995811<br /><br />india ke tukde mat karo<br />]QADIRhttps://www.blogger.com/profile/02240613795853214797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-77189923801276390862010-11-13T17:42:58.949+05:302010-11-13T17:42:58.949+05:30सुन्दर रचनासुन्दर रचनाrajesh singh kshatrihttps://www.blogger.com/profile/05830899015565164627noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-54680422706195353132010-11-11T20:39:42.538+05:302010-11-11T20:39:42.538+05:30विद्यार्थी करें उदंड व्यवहार
और मूक रहें अध्यापक ...विद्यार्थी करें उदंड व्यवहार <br />और मूक रहें अध्यापक गण<br />क्या ऐसे मिलेगा गुरु ज्ञान <br />या ऐसे होगा देश निर्माण ?<br />bahut uchit swal ,aajkal shishya hi guru ban gaya hai ,abhi hamare bachcho ke school me kuchh aesi hi baaton ko lekar hangama hua raha jo akhbaar me bhi chhapne me nahi chuki .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-69706006783395788032010-11-11T16:47:03.546+05:302010-11-11T16:47:03.546+05:30जहाँ दंड दिया तनिक छात्र को
आलोचनाओ से किया शिकार,...जहाँ दंड दिया तनिक छात्र को<br />आलोचनाओ से किया शिकार,<br />सम्मान नहीं दिया शिक्षक को<br />अतिक्रमण ने भी किया लाचार....<br /><br />------------<br /><br />आजकल शिक्षक का सम्मान करना भी गुनाह समझते हैं विद्यार्थी। थ्री इडियट्स जैसी फिल्मों से सीखिए, शिक्षकों का मखौल बनाना। <br /><br />बढ़िया प्रस्तुति !<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-79026242632248882472010-11-11T16:01:21.385+05:302010-11-11T16:01:21.385+05:30अपनी संस्कृति और सभ्यता का चीर हरण हम स्वयं कर रहे...अपनी संस्कृति और सभ्यता का चीर हरण हम स्वयं कर रहे हैं ! आपने ऐसे मुद्दों को उठाकर भारतीय मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक अच्छा प्रयास किया है !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-77418411586137105722010-11-10T22:19:22.430+05:302010-11-10T22:19:22.430+05:30में स्वयं शिक्षक हूँ। समझ सकती हूँ आपकी व्यथा। बहु...में स्वयं शिक्षक हूँ। समझ सकती हूँ आपकी व्यथा। बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति। बधाई। साथ ही मेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक आभार।Dr. Aparnahttps://www.blogger.com/profile/15705460539833725477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-12966694436423960392010-11-10T22:17:40.272+05:302010-11-10T22:17:40.272+05:30आज के दौर में गुरू-शिष्य परंपरा का निर्वहन कठिन हो...आज के दौर में गुरू-शिष्य परंपरा का निर्वहन कठिन हो गया है। ज्वलंत मुद्दे पर लिखी सार्थक कविता।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-50422554288588939422010-11-10T17:43:26.488+05:302010-11-10T17:43:26.488+05:30बहुत महत्त्वपूर्ण प्रश्न उठती हुई सुंदर कविताबहुत महत्त्वपूर्ण प्रश्न उठती हुई सुंदर कवितासंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-16765909153493651632010-11-09T21:56:11.903+05:302010-11-09T21:56:11.903+05:30गुरु शिष्य का यह व्यवहार देश का दुर्भाग्य है।गुरु शिष्य का यह व्यवहार देश का दुर्भाग्य है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-62543878324335647942010-11-09T18:19:02.157+05:302010-11-09T18:19:02.157+05:30आज के शिक्षक की निरीहता को बहुत अच्छे शब्दों में ढ...आज के शिक्षक की निरीहता को बहुत अच्छे शब्दों में ढाला है .....आज के शिक्षक और विद्यार्थियों पर बहुत चर्चा हो सकती है ...और साथ ही साथ अभिभावकों पर भी ...मैं बहुत समय तो अध्यापन कार्य से नहीं जुडी रही पर जितने वर्ष भी रही बहुत से अनुभव हुए ...आज के बच्चे बहुत निरंकुश से हैं ...थोड़ा भय होना चाहिए ...लेकिन कभी कभी अप्रत्याशित घटनाएँ जो नहीं होनी चाहियें उनके चलते अब क़ानून बन गया है की शिक्षक विद्यार्थी को कुछ भी नहीं कह सकता ...तो फिर भय की तो बात ही नहीं रही ....<br />ज्वलंत समस्या पर लेखनी चलाई है ..बधाईसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-51787904237011734792010-11-09T17:45:03.941+05:302010-11-09T17:45:03.941+05:30@कुमार राधारमण जी
मेरे दोस्त संतुलित भय तो जीवन का...@कुमार राधारमण जी<br />मेरे दोस्त संतुलित भय तो जीवन का आधार है जीवन से भय शब्द निकल जाय तो जीवन असंतुलित होकर वातावरण को भी असंतुलित बना देता है जिससे पूरी मानवता खतरे में हो जाती है ...आज हमारे देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पदों पर बैठे लोगों को इस देश की जनता का कोई भय नहीं नहीं रह गया है, तभी तो देश में चारो तरफ अराजकता,कुव्यवस्था तथा नकली विकाश का बोलबाला है ...वैसे आप खुद ज्ञानी हो दुबारा सोचना जरा.......मेरे ख्याल से भय भी जीवन के लिए जरूरी तत्व है प्रेम की तरह ....honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-58856231339110735092010-11-09T17:19:50.714+05:302010-11-09T17:19:50.714+05:30bahut sateek vishay par likha hai!
vicharpoorna ka...bahut sateek vishay par likha hai!<br />vicharpoorna kavita!!!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-61504948038343925332010-11-09T16:51:12.813+05:302010-11-09T16:51:12.813+05:30विद्यार्थी करें उदंड व्यवहार
और मूक रहें अध्यापक ...विद्यार्थी करें उदंड व्यवहार <br />और मूक रहें अध्यापक गण<br />क्या ऐसे मिलेगा गुरु ज्ञान <br />या ऐसे होगा देश निर्माण ...<br /><br />ज्वलंत विषय पर लिखा है आपने .. आज मान्यताएं बदल रही हैं ... छात्र उद्दंड हों तो भी दंड नहीं दिया जा सकता ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-19379477486965556282010-11-09T15:47:38.729+05:302010-11-09T15:47:38.729+05:30आपकी रचना में एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा उठाया ग...आपकी रचना में एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा उठाया गया है...बधाई.अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-58412420682509923992010-11-09T14:34:59.628+05:302010-11-09T14:34:59.628+05:30sochniy...wajib prashn...achhi kavita...aabhaarsochniy...wajib prashn...achhi kavita...aabhaararvindhttps://www.blogger.com/profile/15562030349519088493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-36757565753698623872010-11-09T13:40:59.214+05:302010-11-09T13:40:59.214+05:30इस समस्या को यदि गद्य में कहा जाता तो अधिक प्रभाव...इस समस्या को यदि गद्य में कहा जाता तो अधिक प्रभाव पडता और चर्चा की भी सम्भावनाएं बनती।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-24780447068438706802010-11-09T13:29:39.660+05:302010-11-09T13:29:39.660+05:30बहुत गम्भीर सवाल है अनामिका जी, पर काश इसका जवाब ...बहुत गम्भीर सवाल है अनामिका जी, पर काश इसका जवाब भी हमारे पास होता।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-5216912734639846032010-11-09T12:24:20.839+05:302010-11-09T12:24:20.839+05:30आज की सच्चाई बयान कर दी …………यही सब तो हो रहा है ……...आज की सच्चाई बयान कर दी …………यही सब तो हो रहा है ……………पता नही कहाँ गये वो दिन जब कहा जाता था--------गुरु बिन ज्ञान कहाँ पाऊँ? आज तो गुरु को ही ज्ञान दे देते हैं…………बेहतरीन प्रस्तुति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-39749978126664549822010-11-09T09:52:50.599+05:302010-11-09T09:52:50.599+05:30जरा -जरा सी बात पर अभिभावकों का शिक्षकों पर दोषारो...जरा -जरा सी बात पर अभिभावकों का शिक्षकों पर दोषारोपण विद्यार्थियों को उद्दंड बनाता जा रहा है ...अब उनके मन में अपने गुरुओं के प्रति वो सम्मान नहीं रहा है ...<br />बहुत सही प्रश्न उठाया है आपने ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-31470384615398191742010-11-09T07:19:55.306+05:302010-11-09T07:19:55.306+05:30वाह! क्या बात है!! बहुत उम्दा!वाह! क्या बात है!! बहुत उम्दा!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-17430794313783471202010-11-09T04:10:24.553+05:302010-11-09T04:10:24.553+05:30मेरे एक मित्र जो गैर सरकारी संगठनो में कार्यरत हैं...मेरे एक मित्र जो गैर सरकारी संगठनो में कार्यरत हैं के कहने पर एक नया ब्लॉग सुरु किया है जिसमें सामाजिक समस्याओं जैसे वेश्यावृत्ति , मानव तस्करी, बाल मजदूरी जैसे मुद्दों को उठाया जायेगा | आप लोगों का सहयोग और सुझाव अपेक्षित है |<br />http://samajik2010.blogspot.com/2010/11/blog-post.htmlDeepak chaubeyhttps://www.blogger.com/profile/14845743567136269530noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-25983427408274669272010-11-09T01:49:01.086+05:302010-11-09T01:49:01.086+05:30विचारणीय मुद्दा उठया है अच्छी पोस्ट. पर अब गुरु भी...विचारणीय मुद्दा उठया है अच्छी पोस्ट. पर अब गुरु भी कहाँ वैसे गुरु रह गए हैं.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-12877563975646134142010-11-09T00:06:21.433+05:302010-11-09T00:06:21.433+05:30सुन्दर पोस्ट .बधाई !सुन्दर पोस्ट .बधाई !ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-65289046869303559542010-11-08T23:50:02.030+05:302010-11-08T23:50:02.030+05:30आपने बिलकुल सही नब्ज़ पकड़ी है ! आजकल अनुशासनहीनता क...आपने बिलकुल सही नब्ज़ पकड़ी है ! आजकल अनुशासनहीनता का वातावरण ही इसलिए बन गया है कि शिक्षक और छात्रों के बीच सम्मान और संकोच का पर्दा हट गया है ! बच्चे ना तो अपने गुरु से डरते हैं ना ही गुरू का आदर करते हैं ! शायद इसीलिये शिक्षक वर्ग भी तटस्थ और निस्पृह हो गया है जिसका खामियाजा देश निर्माण के महत्वपूर्ण कार्य के प्रभावित होने की कीमत चुका कर भरना पड़ रहा है ! बहुत ही सार्थक और विचारपूर्ण रचना !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.com