tag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post3060063637509679822..comments2023-10-29T19:13:19.184+05:30Comments on अनामिका की सदायें ...: सागर सिमट जाएगा.....अनामिका की सदायें ......http://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-29338376811302047552011-09-15T22:25:43.417+05:302011-09-15T22:25:43.417+05:30सागर जैसी गहराई ,सागर जैसा मिजाज
जाने कितने दफ्न ह...सागर जैसी गहराई ,सागर जैसा मिजाज<br />जाने कितने दफ्न हैं इस गहराई में राज.<br /><br />लहरों सी उमड़ती हुई रचना.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-20773483342876690582011-09-14T14:42:19.292+05:302011-09-14T14:42:19.292+05:30आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 15 -09 - ...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 15 -09 - 2011 को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com" rel="nofollow"> ...नयी पुरानी हलचल में ... आईनों के शहर का वो शख्स था </a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-49533604579562304992010-05-12T19:53:09.119+05:302010-05-12T19:53:09.119+05:30सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं....सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं. आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-12884584534866719882010-01-29T23:30:40.688+05:302010-01-29T23:30:40.688+05:30दिल को छूने वाली कमाल की रचना है ......... अनामिका...दिल को छूने वाली कमाल की रचना है ......... अनामिका जी ....... गहरे दर्द की अभिव्यक्ति है यह रचनासंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-56218126610094976672009-12-22T21:37:47.905+05:302009-12-22T21:37:47.905+05:30मेरी चाहत है कि, एक वक्त ऐसा भी हो जाए..
तुम मेरे ...मेरी चाहत है कि, एक वक्त ऐसा भी हो जाए..<br />तुम मेरे लिए तड़पो ..और मै इस जहान से रुखसत हो जाऊ..<br />तुम समझो तब अपनी बे-रुखिया ...अपने सितम..<br />तब तुम जी भर के रोवो....और मै भी तुम्हारी तरह मुस्कुराती रहू..--<br />सुना हे प्यार जब पुराना हो जाता है, तो<br />कोयले की तरह भीतर ही भीतर जल जाता है..<br />आज मेरी भी हालत वही हो गई है..<br />और चाहत है की तुम वो ही कोयला बन जाओ..<br /><br />---नहीं, यह ठीक नहीं है.. दर्द ठीक है.. दर्द का सहना ठीक है.. मगर किसी के लिए बद्दुआ यह ठीक नहीं है।<br />मन तभी हल्का होता है जब हम उसे भी माफ कर दें जिसने हमारे साथ बेवफाई की <br />नफरत की आग में जलने से तो प्यार कोयला होगा ही!<br />माफ करना ही बेहतर इलाज है. माफ भी इस तरह कि उसे मालूम न हो... वह जैसा है वैसा है...<br />बस हमें उसे माफ कर देना है और भूल जाना है। <br />यह कठिन है लेकिन यही सही है. <br />ऐसा मेरा मानना है, मैं गलत भी हो सकता हूँ।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-79291561695618733152009-12-22T21:07:01.087+05:302009-12-22T21:07:01.087+05:30blog par aaney aur khoobsoorat tippani ke liye aa...blog par aaney aur khoobsoorat tippani ke liye aapka dil se aabhaari huu.n.Pramod Kumar Kush 'tanha'https://www.blogger.com/profile/08981831872947912755noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-52904638704381612072009-12-22T13:06:45.897+05:302009-12-22T13:06:45.897+05:30बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना.....बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-66792052191605290432009-12-22T11:37:22.397+05:302009-12-22T11:37:22.397+05:30बहुत अच्छा लिखती हैं आप. एहसास को बयाँ करना बखूबी ...बहुत अच्छा लिखती हैं आप. एहसास को बयाँ करना बखूबी आता है आपको.अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-58484398835538284202009-12-22T00:55:25.692+05:302009-12-22T00:55:25.692+05:30ANAMIKA ...BEHAD SUNDER RACHANYE AAPKE BLOG PAR PA...ANAMIKA ...BEHAD SUNDER RACHANYE AAPKE BLOG PAR PADHNE KO MILI HAI ..MERI ZANIB SE BAHUT BAHUT SUBH KAMNAYEN...<br />----AJITAjit Pal Singh Daiahttps://www.blogger.com/profile/10366805660526613111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-17650284675233933092009-12-21T22:42:40.901+05:302009-12-21T22:42:40.901+05:30... सुन्दर रचना !!!... सुन्दर रचना !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-942086730872268432009-12-21T19:29:13.350+05:302009-12-21T19:29:13.350+05:30सुना हे प्यार जब पुराना हो जाता है, तो
कोयले की तर...सुना हे प्यार जब पुराना हो जाता है, तो<br />कोयले की तरह भीतर ही भीतर जल जाता है..<br />आज मेरी भी हालत वही हो गई है..<br />और चाहत है की तुम वो ही कोयला बन जाओ..<br /><br />यह प्रेम की पराकाष्ठा है या प्रेम का अतिरेक...लेकिन यह तय है की यह प्रेम है...<br />बहुत सुन्दर लगी प्रेममयी कविता...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-74002785580705353782009-12-21T13:43:26.491+05:302009-12-21T13:43:26.491+05:30sundar rachna hai..
shubhkamnaye..sundar rachna hai..<br />shubhkamnaye..अवामhttps://www.blogger.com/profile/03617705346841374430noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-11164207876537860002009-12-20T22:00:16.392+05:302009-12-20T22:00:16.392+05:30क्या कभी मुमकिन हुआ है जान पाना कि ज़िन्दगी क्या ह...क्या कभी मुमकिन हुआ है जान पाना कि ज़िन्दगी क्या है ? एक सांस में पढ़ता हूँ और सोचता हूँ कि इन सवालों से अलहदा क्या होगा जीवन. एक गहरी सांस उतरती है भीतर तक, परेशां करती हुई. कविता दिल के बहुत करीब है शायद आपकी, आज तक की सबसे बेहतरीन कविता.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-46335011258752457132009-12-20T21:24:46.223+05:302009-12-20T21:24:46.223+05:30चलिए आज से आपके फ़ौलोवर बन गए हैं ताकि कोई भी जादू ...चलिए आज से आपके फ़ौलोवर बन गए हैं ताकि कोई भी जादू छूटे न हमसे ..शुभकामनाएंअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-14515542493865316462009-12-20T17:36:44.822+05:302009-12-20T17:36:44.822+05:30दिल को छूने वाली कमाल की रचना है ......... अनामिका...दिल को छूने वाली कमाल की रचना है ......... अनामिका जी ....... गहरे दर्द की अभिव्यक्ति है यह रचना ........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-29343375430251623902009-12-20T11:32:05.097+05:302009-12-20T11:32:05.097+05:30सुना हे प्यार जब पुराना हो जाता है, तो
कोयले की तर...सुना हे प्यार जब पुराना हो जाता है, तो<br />कोयले की तरह भीतर ही भीतर जल जाता है..<br /><br />bahut sunder nazm kahii hai...mujhe bahut achchhii lagii ...meray blog par aane aur khoobsorat andaz mein 'comments' dene ke liye bhi aapka bahut shukriyaPramod Kumar Kush 'tanha'https://www.blogger.com/profile/08981831872947912755noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-23307832184028127962009-12-20T10:04:24.900+05:302009-12-20T10:04:24.900+05:30दर्द जब हद से गुज़र जाये तो शायद यही होता है....ब...दर्द जब हद से गुज़र जाये तो शायद यही होता है....बेंथान<br /> प्यार में शायद मुंह शायद बददुआएं भी निकल जाती हैं.....<br />प्यार की पराकाष्ठा को दर्शाती रचना .......सुन्दर लेखन के लिए बधाईसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-14318268033267596102009-12-20T01:45:01.993+05:302009-12-20T01:45:01.993+05:30अनामिका जी,
सागर के हवाले से भावनाओं की ये प्रस्तु...अनामिका जी,<br />सागर के हवाले से भावनाओं की ये प्रस्तुति दिल को छूने वाली लगी<br />शाहिद मिर्ज़ा शाहिदशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-17780883728462464472009-12-20T01:44:24.819+05:302009-12-20T01:44:24.819+05:30लम्हा दर लम्हा सागर सिमट जाएगा..
कतरा - कतरा कर ख़...लम्हा दर लम्हा सागर सिमट जाएगा..<br />कतरा - कतरा कर ख़ुद ही में ये लिपट जाएगा..<br /> <br />न जान पाओगे तब भी तुम...<br />कितने गम...कितनी तन्हाईया<br />ख़ुद ही मे ले कर..<br />ये सागर सिमट जाएगा..!!<br />कतरा - कतरा कर ख़ुद ही में ये लिपट जाएगा..!!<br /><br />bahut hi behtrin dil ko chhoo gayi ,dard ubaal le raha hai ,sundar abhivyaktiज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.com