tag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post4199843748252863932..comments2023-10-29T19:13:19.184+05:30Comments on अनामिका की सदायें ...: ओ वसुषेण (कर्ण )अनामिका की सदायें ......http://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-90510983430582967452014-07-13T21:57:14.007+05:302014-07-13T21:57:14.007+05:30कर्ण की व्यथा मन को पीड़ित करती है ! सबसे बड़ा दुर्भ...कर्ण की व्यथा मन को पीड़ित करती है ! सबसे बड़ा दुर्भाग्य उसके साथ यही रहा कि समाज में सम्मान और यथोचित स्थान पाने की लालसा के चलते वह दुर्योधन जैसे दुर्जन का साथी और अनुगामी बना और कौरव कुल की काजल की कोठरी में अपनी अन्तरात्मा के विरुद्ध भी घुसने के लिये तैयार हुआ ! मित्र के लिये तो उसे वैसे ही वचन बोलने थे जो मित्र को अच्छे लगें ! उसका दण्ड भी तो अंतत: उसीने भोगा ! बहुत सुंदर प्रस्तुति ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-75596335873319364672014-07-13T21:56:28.294+05:302014-07-13T21:56:28.294+05:30कर्ण की व्यथा मन को पीड़ित करती है ! सबसे बड़ा दुर्भ...कर्ण की व्यथा मन को पीड़ित करती है ! सबसे बड़ा दुर्भाग्य उसके साथ यही रहा कि समाज में सम्मान और यथोचित स्थान पाने की लालसा के चलते वह दुर्योधन जैसे दुर्जन का साथी और अनुगामी बना और कौरव कुल की काजल की कोठरी में अपनी अन्तरात्मा के विरुद्ध भी घुसने के लिये तैयार हुआ ! मित्र के लिये तो उसे वैसे ही वचन बोलने थे जो मित्र को अच्छे लगें ! उसका दण्ड भी तो अंतत: उसीने भोगा !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-43839177565317364532014-07-12T16:39:18.815+05:302014-07-12T16:39:18.815+05:30अत्यंत भावपूर्ण लेकिन यथार्थ के कठोर धरातल पर बुनी...अत्यंत भावपूर्ण लेकिन यथार्थ के कठोर धरातल पर बुनी गयी एक बेहद मर्मस्पर्शी रचना ! बहुत ही सुन्दर ! बधाई स्वीकार करें !संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-73323359571149987672014-06-26T14:04:27.101+05:302014-06-26T14:04:27.101+05:30बेहतरीन प्रस्तुतिबेहतरीन प्रस्तुतिचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-29177190876832140922014-06-24T20:55:10.126+05:302014-06-24T20:55:10.126+05:30मान पाकर भी अमान्य हो गए
कवच कुण्डल देकर भी रीते ...मान पाकर भी अमान्य हो गए <br />कवच कुण्डल देकर भी रीते हो गए <br />विभ्रमताओं के कंटक में चिर व्याकुल रहे <br />जान कर भी अधर्म में जो गिरे, <br /><br /><br /><br />sunder abhivyakti<br />Dr.R.Ramkumarhttps://www.blogger.com/profile/09073007677952921558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-8514188517368732892014-06-24T13:13:57.246+05:302014-06-24T13:13:57.246+05:30कर्ण पर जितना भी लिखा जाए , कम है .
आपने बहुत अच्...कर्ण पर जितना भी लिखा जाए , कम है . <br />आपने बहुत अच्छा लिखा है . <br /><b> बधाई स्वीकार करे और आपका आभार !<br />कृपया मेरे ब्लोग्स पर आपका स्वागत है . आईये और अपनी बहुमूल्य राय से हमें अनुग्रहित करे.<br /><br /><a href="http://poemsofvijay.blogspot.in" rel="nofollow">कविताओ के मन से </a><br /><br /><a href="http://storiesbyvijay.blogspot.in" rel="nofollow">कहानियो के मन से</a><br /><br /><a href="http://writingsofsilence.blogspot.in" rel="nofollow">बस यूँ ही</a><br /><br /></b><br /><br />vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-46337234626887634072014-06-21T21:47:08.304+05:302014-06-21T21:47:08.304+05:30ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन छोटी सी प्रेम कहान...ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/06/blog-post_21.html" rel="nofollow"> छोटी सी प्रेम कहानी - ब्लॉग बुलेटिन </a> मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-76071196959315273932014-06-21T19:23:09.346+05:302014-06-21T19:23:09.346+05:30दिनकर की रश्मिरथी से इतर, जब ये नया वाला महाभारत द...दिनकर की रश्मिरथी से इतर, जब ये नया वाला महाभारत देखना शुरू किया, तब मुझे भी इन्ही विचारों ने कुलबुलाया। सही शब्द दिए हैं आपने। Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-63930901780290751102014-06-21T18:43:38.218+05:302014-06-21T18:43:38.218+05:30बहुत हीं प्रभावित किया आपने | बहुत खूब ...बहुत हीं प्रभावित किया आपने | बहुत खूब ...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04682604326018796020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-11528639302698765702014-06-21T10:16:28.529+05:302014-06-21T10:16:28.529+05:30एक अलग दृष्टिकोण एक अलग दृष्टिकोण Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-56515346201056843542014-06-21T07:42:56.892+05:302014-06-21T07:42:56.892+05:30
मान पाकर भी अमान्य हो गए
कवच कुण्डल देकर भी रीते...<br />मान पाकर भी अमान्य हो गए <br />कवच कुण्डल देकर भी रीते हो गए <br />विभ्रमताओं के कंटक में चिर व्याकुल रहे <br />जान कर भी अधर्म में जो गिरे, उसे क्या कहें <br /><br />कर्ण का जीवन कई मायनों में अलग सा है .... .... विचारणीय है डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-44722310350636832282014-06-20T23:30:42.096+05:302014-06-20T23:30:42.096+05:30कर्ण का प्रखर व्यक्तित्व जीवन भर छायाओं से घिरा रह...कर्ण का प्रखर व्यक्तित्व जीवन भर छायाओं से घिरा रहा - यही होता है. समय पर सही निर्णय न ले पाना जीवन की सबसे बड़ी विडंबना है.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3006778675527368075.post-5938098020629142802014-06-20T15:52:07.848+05:302014-06-20T15:52:07.848+05:30kahne ko kuch bacha kahan haikahne ko kuch bacha kahan haivandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com