मंगलवार, 27 सितंबर 2011

चूड़ियाँ पहन लो बाबू....



चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी  ...

इटली की मैं 
कंगाल  सी वेटर 
बिलेनियर बन 
बहनों को अपनी 
माला-माल कर जाउंगी  
घांदी से गांधी बन
अंग्रेजों से रंग दिखाउंगी
नादिर और राबर्ट क्लाइव हैं क्या 
इस दौड़ में सबको पीछे छोडती जाउंगी 

चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी  ...



कलमाड़ी ने पहनी 
राजा ने पहनी  
करूणानिधि को तो 
अँधा कर के जाउंगी ,
चिदम्बरम फिर चीज़ है क्या  

मनमोहन को भी 
जेल की हवा खिलाऊँगी 
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी  ...

पैसों के ये सब हैं पुजारी 
देश की  किसी को फिकर नहीं  
जनता गूंगी बहरी जिसकी 
बस अपनी अपनी सब को पड़ी 
पैसे के लिए देश चाट रहे
धरती माँ के कपूत बने 
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी  ...

सी. बी.आई. की 
औकात ही  क्या 
सारी जनता
आँखे मूंदे बैठी है ,
कहीं कोई एकता नहीं 
कुर्सी के डर से 
मिश्री वाणी में 
घोली है 
खेलों का चूना 
दिख रहा सबको 
फिर भी गाँधी की 
बन्दर बन के बैठी है 
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी  ...

हा.हा. कार  
मच गया गर जो 
सन '77   का 
इतिहास दोहराउंगी
पेरू की तरह 
मैं  भी इटली की 
नागरिकता दिखाउंगी 
लूट का सारा माल उड़ा कर 
मैं इटली उड़ जाउंगी 
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी  ...







39 टिप्‍पणियां:

  1. चूडियो के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया है आपने! बहुत सच लिखा है अपने ..

    जवाब देंहटाएं
  2. लूट का सारा माल उड़ा कर
    मैं इटली उड़ जाउंगी
    चूड़ियाँ पहन लो बाबू
    तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...

    ये आपका इशारा किस तरफ है???

    बधाई सच्चाई बयाँ करने के लिये.

    जवाब देंहटाएं
  3. इटली वाली कब गई........इटली अंतिम बार....
    इटली से कब चल रही.....है अपनी सरकार...
    है अपनी सरकार.......करे ना कोई ठिठोली.....
    देखो इटली बोल रही.......अब अपनी बोली...
    मेरी मानो व्यर्थ .......कोसना अपने देश को..
    थोड़ी चूड़ी भिजवा दो पर. ......कांग्रेस को.....

    जवाब देंहटाएं
  4. बड़ा तीखा कटाक्ष किया है ! मज़ा आ गया पढ़ कर ! वाकई देश की दुर्दशा देख बड़ी निराशा होती है ! किस पर भरोसा करें ! जिसकी तरफ थोड़ी सी आशा और भरोसे से देखते हैं भ्रष्टाचारियों की सूची में अगला नाम उसीका निकल आता है ! जो कुछ कहा बड़ी बेबाकी से कहा ! बधाई एवं शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  5. मज़ा आ गया.. मगर मेरे मन में एक प्रश्न अभी भी बचा हुआ है कि जिन लोगों के नाम आपने लिए, क्या उनकी कलाइयों में जगह बची है चूड़ियाँ पहनने की???

    जवाब देंहटाएं
  6. हा.हा. कार
    मच गया गर जो
    सन '77 का
    इतिहास दोहराउंगी
    पेरू की तरह
    मैं भी इटली की
    नागरिकता दिखाउंगी
    लूट का सारा माल उड़ा कर
    मैं इटली उड़ जाउंगी
    चूड़ियाँ पहन लो बाबू
    तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...
    Aah!

    जवाब देंहटाएं
  7. अच्छी तस्वीर दिखाई है आपने।
    हमारे ज़माने में एक गीत होता था ... देखो-देखो-देखो बाइसकोप देखो ...
    कुछ ऐसा ही तर्ज़ है इस काव्यात्मक अभिव्यक्ति में।

    जवाब देंहटाएं
  8. आज कल सर्कार इंटरनेट पर भी नज़र रखे हुए हैं ...बैन हो जायेगा ब्लॉग ... धारदार सच ..वैसे सच हमेशा ही धार लिए होता है .

    जवाब देंहटाएं
  9. आपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं.. माता सबों को खुश और आबाद रखे..
    जय माता दी..

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत तीखा प्रहार। शहीदों की पंक्ति में आना है क्‍या?

    जवाब देंहटाएं
  11. चूड़ियाँ पहन लो बाबू
    तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...
    kya vyang hai.....

    जवाब देंहटाएं
  12. तीखा कटाक्ष किया है आपने चूडियों के माध्यम से ...

    जवाब देंहटाएं
  13. गहरा व्यंग्य है आग से खेलने कि हिम्मत हैं आप में.........हैट्स ऑफ

    जवाब देंहटाएं
  14. बेहतरीन कटाक्ष्……………गहरा वार किया है ……………शानदार प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  15. सी. बी.आई. की
    औकात ही क्या
    सारी जनता
    आँखे मूंदे बैठी है ,
    कहीं कोई एकता नहीं
    कुर्सी के डर से
    मिश्री वाणी में
    घोली है
    खेलों का चूना
    दिख रहा सबको
    फिर भी गाँधी की
    बन्दर बन के बैठी है
    चूड़ियाँ पहन लो बाबू
    तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...waah

    जवाब देंहटाएं
  16. जयप्रकाश आंदोलन से जुड़े नागार्जुन तब डफली बजाते हुए नाच-नाचकर गाते- 'इंदूजी-इंदूजी क्या हुआ आपको/ सत्ता के खेल में भूल गई बाप को'।
    (जयप्रकाश आंदोलन और हिंदी कविता) http://angikaa.blogspot.com/2011/08/blog-post_26.html

    जवाब देंहटाएं
  17. बड़ी हिम्मत से बड़ी जबर्दस्त बात कही आपने... जबरदस्त रचना ... वाह ..मजा आ गया ... :))
    मेरे ब्लॉग में भी आपनी राय दी आपका तहे दिल शुक्रिया ...

    जवाब देंहटाएं
  18. बड़ी हिम्मत से बड़ी जबर्दस्त बात कही आपने... जबरदस्त रचना ... वाह ..मजा आ गया ... :))
    मेरे ब्लॉग में भी आपनी राय दी आपका तहे दिल शुक्रिया ...

    जवाब देंहटाएं
  19. बड़ी हिम्मत से बड़ी जबर्दस्त बात कही आपने... जबरदस्त रचना ... वाह ..मजा आ गया ... :))
    मेरे ब्लॉग में भी आपनी राय दी आपका तहे दिल शुक्रिया ...

    जवाब देंहटाएं
  20. गजब का व्‍यंग्‍य......
    तीखा कटाक्ष..... मौजूदा दौर का सच...

    सब कुछ है इस रचना में

    जवाब देंहटाएं
  21. गजब का व्‍यंग्‍य...... तीखा कटाक्ष..... .
    बधाई एवं शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  22. करारी चोट
    इसके आगे कुछ नहीं कह सकता बधाई हो आपको
    आप भी मेरे फेसबुक ब्लाग के मेंबर जरुर बने
    mitramadhur@groups.facebook.com

    MADHUR VAANI
    BINDAAS_BAATEN
    MITRA-MADHUR

    जवाब देंहटाएं
  23. bahut din baad aanaa ho paayaa , shaanadaar rachnaa ,kyaa nishaanaa lagayyaa hai aapne . par koyi sudharnewaalaa nahee hai .

    जवाब देंहटाएं
  24. आग कहते हैं, औरत को,
    भट्टी में बच्चा पका लो,
    चाहे तो रोटियाँ पकवा लो,
    चाहे तो अपने को जला लो,

    जवाब देंहटाएं
  25. अरे बाप रे...इतना सीधा सीधा.... :)

    जवाब देंहटाएं