Thursday 30 December 2010

आस के तार न तोड़ सखी

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मन की ज्वाला रोक सखी 
अश्रु  की धारा रोक सखी
क्यों शोक भार से चूर्ण सखी ?
धैर्य की डोर ना छोड़ सखी !

कटु बोल सब भूल सखी 
मरहम की कोई ले ओट सखी
विकार न जला डालें तुझको 
तम-वर्षा को बस झेल सखी  !

आस के तार न तोड़ सखी 
कोई श्रम कर इनको जोड़ सखी 
टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी !

प्रियतम तुझे इक दिन समझेंगे 
अनुराग  विराग सब छोड़ सखी 
माना अरुणोदय  हुआ  नहीं 
निशी का जाना निश्चय सखी !

अब कैसा  ये कोप सखी 
पावन धारा को मोड़ सखी 
मुख से दृगजल पोंछ सखी
प्रेम सागर से मोती खोज सखी !

55 comments:

Kailash Sharma said...

टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी !

आशा और विश्वास का सन्देश देती बहुत प्रेरक प्रस्तुति..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ..

monali said...

Lovely n inspiring lines.. optimistic lines which encourage me to start once again though frm beginning...

Satish Saxena said...

नए वर्ष पर इन आंसुओं से बाहर आइये ...नयी मुस्कान और आशा के साथ! हार्दिक शुभकामनये !

kshama said...

टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी !
Tatha,

माना अरुणोदय हुआ नहीं
निशी का जाना निश्चय सखी !
ye panktiyan bahut pasand aayeen. Waise to pooree rachana lajawaab hai!

प्रवीण पाण्डेय said...

आस बनी है प्यास सखी।

मनोज कुमार said...

ये सब इत्तिफ़ाक़ात का खेल है
यही है जुदाई यही मेल है
मैं मुड़ मुड़ के देखा किया दूर तक
बनी वो ख़ामोशी सदा देर से
सब अच्छा ही होगा, सखी भी समझ जाएगी, जो आप समझाना चाहती हैं ... नए साल का स्वागत करें।

Anonymous said...

बहुत सुन्दर लोकगीत!
आपको नव वर्ष मंगलमय हो!

सूबेदार said...

बहुत सुन्दर गीत जो हमसभी को प्रभावित करती हुई भाव कितने अच्छे बहुत-बहुत धन्यवाद.

सुज्ञ said...

मन की ज्वाला रोक सखी
अश्रु की धारा रोक सखी
क्यों शोक भार से चूर्ण सखी ?
धैर्य की डोर ना छोड़ सखी !

मन स्थिर कर दें, ऐसे भाव प्रकट किये है आपकी कलम नें
प्रेरणादायक शब्द गुंथन। आभार

वीना श्रीवास्तव said...

धैर्य की डोर ना छोड़ सखी
यही है आशा और विश्वास
बहुत सुंदर

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत भावपूर्ण गीत ....खूबसूरत भावों को समेटे हुए ...प्रेरक रचना ..

नव वर्ष की शुभकामनायें

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

बच्चन जी की वह उपमा याद आ गई जहाँ उन्होंने कहा है कि अश्रु बह रहे थे इस नयन से उस नयन में... वैसी ही अनुभूति से गुज़र रहा हूँ इस कविता पर..

Sadhana Vaid said...

बहुत धैर्य बंधाने वाला और आश्वस्त करने वाला सार्थक संसेश समेटे एक भावपूर्ण रचना ! मुझे पूरा विश्वास है आपकी सखी ने इस कविता में निहित आपका सहानुभूतिपूर्ण संकेत अवश्य समझ लिया होगा ! बहुत सुन्दर रचना ! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

Anonymous said...

ये हुई ना मर्दों ......बहादुर औरतों वाली बात.नव वर्ष जरूर लाएगा ...प्यार..ढेरों खुशियाँ.आशा,उम्मीदों,इच्छाओं का दामन कभी ना छोडना.
सारे सपने पूरे होंगे सखी.
बस यूँ उमंग भरे गीत छेड़ सखी.
हा हा हा गुड....वेरी गुड.

kunwarji's said...

सुन्दर प्रस्तुति..

नव वर्ष कि शुभकामनाये स्वीकार करे..

कुंवर जी,

Shabad shabad said...

उम्दा पोस्ट !
सुन्दर प्रस्तुति..
नव वर्ष(2011) की शुभकामनाएँ !

वाणी गीत said...

अश्रु की सौगात छोड़ सखी
मुस्कुराया नवप्रभात देख सखी ...
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर प्रस्तुति..

नव वर्ष कि शुभकामनाये स्वीकार करे..

Asha Lata Saxena said...

भाव पूर्ण रचना |बहुत बहुत बधाई |नव वर्ष शुभ और मंगलमय
हो |
आशा

vandana gupta said...

अब कैसा ये कोप सखी
पावन धारा को मोड़ सखी
मुख से दृगजल पोंछ सखी
प्रेम सागर से मोती खोज सखी !

आशा भरी बेहद खूबसूरत रचना बहुत कुछ कह जाती है।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

राजेश उत्‍साही said...

सखी,
नए साल के उजले भाल पे,
लिखें इबारत नए ख्‍याल से।
*
नए साल की शुभकामनाएं।

Vaishnavi said...

bahoot sundar manobhav mano apki hi pratikrti apke antardvand se aahat ho apke in aansuo ko motio mai pervartit kar dane chati hai. ek sundar sche sakaha ki paras si abhivayekti.sachmuch anmol motio se bhra apka man hai ye sakhi. nav varsh ki shubkamnaye apko or apke priyjano k liye ek sakhi ki or se.

Dorothy said...

आशा का उजास फ़ैलाती दुख की दुनिया से निकल खुशियों को गले लगाने का सुंदर संदेश देती... खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.

अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.

आप को भी सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.

Mohinder56 said...

खूबसूरत अभिव्यक्ति
नए साल की शुभकामनाएं।

Dr (Miss) Sharad Singh said...

बेहतरीन रचना। बधाई। नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !

समयचक्र said...

सुन्दर रचना प्रस्तुति ...नववर्ष पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ....

ब्लॉ.ललित शर्मा said...


नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं

चुड़ैल से सामना-भुतहा रेस्ट हाउस और सन् 2010 की विदाई

मनोज कुमार said...

सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद्‌ दुःखभाग्भवेत्‌॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!

सदाचार - मंगलकामना!

Yashwant R. B. Mathur said...

आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .

राज भाटिय़ा said...

नया वर्ष आप के ओर आप के परिवार के लिये सुख मय हो ओर देश भर मे खुशियां के कर, सुख ले कर आये, मेरी शुभकामनाऎं आप सब के संग हे!! मेरा यह नये साल का उपहार आप सब के लिये हे..
http://blogparivaar.blogspot.com/

Kunwar Kusumesh said...

नए साल का सुन्दर आगाज़.
हार्दिक शुभकामनायें.

केवल राम said...

आपको और आपके परिवार को नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें , आशा है यह वर्ष आपके लिए नयी खुशियाँ लेकर आएगा,

bilaspur property market said...

बेहतरीन रचना। बधाई। आपको भी नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !

ज्योति सिंह said...

आस के तार न तोड़ सखी
कोई श्रम कर इनको जोड़ सखी
टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी !
bahut hi umda rachna ,kai mahine blog jagat se door rahi aur sabki bahut rachnaye nahi padh saki ab aai hoon dheere -2 padhoongi .nav barsh ki dhero badhaiyaan .

उपेन्द्र नाथ said...

सुंदर प्रस्तुति. नूतन वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं .

सुज्ञ said...

अनामिका जी,

यह नूतन वर्ष आपके श्रेष्ठ संकल्पो को सार्थक लक्ष्य तक पहुंचाए…नववर्ष की शुभकामनाएँ।

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

अनामिका जी,
नमस्ते!
नया साल गुज़रे आपका हँसते-हँसते!
बाकि सब तो ठीक है, लेकिन ये रचना एक्स्क्लुसिव्ली सखियों के लिए क्यूँ? सखाओं का भी ध्यान रखें!!!
हा हा हा.....
आभार.
आशीष
---
हमहूँ छोड़के सारी दुनिया पागल!!!

कुमार राधारमण said...

दुख और नैराश्य के क्षणों में भी आस की डोर न टूटे,नववर्ष पर इससे बेहतर कामना भला क्या होगी!

ZEAL said...

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

mridula pradhan said...

bahut achcha likhi hain aap.

दिगम्बर नासवा said...

आस के तार न तोड़ सखी
कोई श्रम कर इनको जोड़ सखी
टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी ...

मन के भावों को सुन्दर शब्दों में पिरोया है आपने ... उस दिन आपसे बात कर के बहुत अछा लगा ...
आपको और आपके पूरे परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ...

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

नववर्ष की मंगल कामना!

निर्मला कपिला said...

अशा ही जीवन है। आपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।

Unknown said...

आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की अनंत मंगलकामनाएं

सहज समाधि आश्रम said...

एक बेहतरीन रचना । नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
काबिले तारीफ़ शव्द संयोजन ।
बेहतरीन अनूठी कल्पना भावाव्यक्ति ।
सुन्दर भावाव्यक्ति । साधुवाद ।
satguru-satykikhoj.blogspot.com

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

अनामिका जी, जीवन के सार को कविता में आपने बहुत ही सुंदर ढंग से सजा दिया है। हार्दिक बधाई।

---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।
वैज्ञानिक पद्धति किसे कहते हैं?

अरुणेश मिश्र said...

भावपूर्ण उद्बोधन ।

M VERMA said...

टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी !
अत्यंत भावपूर्ण रचना...
शायद मनोयोगों का अंतर्मंथन है

शोभना चौरे said...

लो आ गई जी टिप्पणी देने
कुछ पंक्तिया ये भी
मन से मन जोड़ सखी
अब ये उलझन छोड़ सखी
मन में अब विश्वास सखी
तो बाकि सब पास सखी |

amar jeet said...

नव वर्ष की बधाई हो

पूनम श्रीवास्तव said...

anamika ji
kin -kin panktiyo ka jikr karun ,sbhi ek se badh kar ek hain.lagta hai sbhi ko is rachna ko padh kar sunau.
bahut -bahut behatreen prastuti


अब कैसा ये कोप सखी
पावन धारा को मोड़ सखी
मुख से दृगजल पोंछ सखी
प्रेम सागर से मोती खोज सखी !
aapko bahut bahut bahut badhai is dil se.
poonam

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

बहुत ही प्रेरणाप्रद रचना। हार्दिक बधाई।

---------
पति को वश में करने का उपाय।

Satish Saxena said...

???

Dr Xitija Singh said...

वाह क्या लिखा है आपने... बहुत गहरी छाप छोडती रचना ...

आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ...

Anonymous said...

behad sundar rachna