Tuesday 14 September 2010

मेरी 'मैं' तुम्हारी 'मैं ' से मिलते नहीं...























अशांत सागर है ये पत्थर ना फैंको ए हमनशीं 
दर्द की लहरें  हैं, ना  खेलो, दर्द ना मिल जाए कहीं 

कसक बन के दिल में तुम हलचल सी करते हो 
पास आकार भी ना अपने से बन के मिलते हो .

ठंडी आहों का भी असर तुम पर अब होता नहीं
मनुहार कर के भी तो ये दिल पिघलता नहीं .

छोडो रहने भी दो क्या जिरह करें साकी 
अब मेरी 'मैं' तुम्हारी 'मैं ' से मिलते नहीं.

लो बुझा लेती हूँ अरमानों की इस कसकती  लौ को 
दफ़ना देती हूँ तुझमें  ही इन दगाबाज़ चाहतों  को.

प्यास बुझाने को मयखाने भी कहाँ बचे साकी 
छू भी लें तो वो एहसास कहाँ बचे बाकी.

मुर्दे का कफ़न हूँ मैं भी जिसमें जेबें नहीं होती 
मुंदी पलकों का अश्क हूँ जिसमें तपिश नहीं होती 

टूटे खिलोने भी कहीं  जुडा करते हैं भला..
फैंक दो दिल से कहीं दूर, चुभ ना जाए कहीं.

Friday 10 September 2010

हर पल होंठों पे बसते हो ....


















हर पल होंठों  पे  बसते हो 
मेरे मौन को तोड़ा करते हो
धूप - छाँव दे मोह -माया की 
अपनी महता तोला करते हो.


अश्रु गगरी  नीर भरे जब 
वेदना-विह्व्हल हो जाती है 
मोहिनी सूरत ला ख्यालों में 
तब अंतस को बहलाया करते हो.


क्या रूठूँ, क्या स्वांग धरूँ
मन से ही धोका खायी हूँ
ये ही तो मेरा अपना था 
इस बैरी के तुम ही तो छलिया हो 


यादों के गलियारों में फिरती 
तुमको ही ढूँढा करती हूँ 
खाबो-खयालो में हर पल रहने वाले 
आँखों में भी तो तुम ही समाये हो.

Friday 3 September 2010

नूर की बूंद











तन्हा बादलों  की गोद से
निकल, एक बूंद 
धरती लोक को चली ...

प्रेम, दया, श्रद्धा,
कोमलता और मासूमियत
अपने वज़ूद में सुशोभित किये 
सौंदर्य - सुषमा से तिरोहित,
मूर्तिमंत वो हो चली ...

हैरान हुई वो देख 
धरा वासियों  के रंग-ढंग..
साथ ना मिला जब 
अपनो का भी कहीं 
दिल की निश्छ्लता भी 
शक की सुइयों  से 
बीन्धी गयी...!

मानस विकारो से जन्मे 
तूफ़ान से  जूझती..
हर कदम पर वो 
तार - तार हो गयी,

तब .....
सुगंधित, 
खुद-गरजी से परे..
अलमस्त हवा के एक 
एक झोंके  से 
वो जा मिली !

ले आलिंगन में 
उस नूर की बूंद को 
अलंघ्य बंदिशो से परे 
उस झोंके ने 
नयी आशाओ का  स्फुरण 
उसमे  कर दिया  !

सीप के मोती की मानिंद 
उसे मन में सजा 
मदहोश, अनाहत संगीत का
प्रादुर्भाव कर
अद्भुत सुधा सागर में डुबा
प्रेयसी अपनी बना लिया !