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साथियो, आज यह मेरी 100 वीं पोस्ट है...इसलिए कुछ उदासीनता भरा या आक्रोश भरा लिखने की बजाय सोचा कि क्यूँ न कुछ अच्छा अच्छा सा, मंद मंद ठंडी बयार जैसा कुछ लिखा जाए...तो प्रस्तुत है मेरी ये कोशिश आपके समक्ष ....
थोड़ी देर पहले ये गाना सुना....
वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग जलते हैं ...
वो मुस्कुरा के देख लें तो बुझते चिराग जलते हैं....
सच मे बहुत अच्छा लगा....बहुत दिनों बाद ये गीत जब एक बार फिर सुनने को मिला तो दिल किया की इसी तरह की ज़रा हम भी कोशिश कर लें.......
वो चुप चाप यूँ बैठे क्यूँ हैं...
पलकों को झुकाए, होठों में पैगाम दबाए..
आँखों में शरारत, रुखसारों की चमक छुपाये
वो चुप चाप यूँ बैठे क्यूँ हैं......
मेरे सब्र के प्याले छलके से जाते हैं....
वो कुछ कहें तो थोड़ा चैन पाते हैं...
दिल की बेकरारी भी हदों से पार जाती है ...
चैन आ जाए गर वो मुझसे बात करते हैं ..
बेताब धड़कनों का शोर बढ़ता जाता है....
उनके लब हैं कि हिलने में भी वक़्त लेते हैं...
मेरी हर सहर अंधेरो में डूबी जाती है..
वो कुछ कहें तो रोशनी सी ये रूह पाती है..
'उदास' की उदासी को वो बढ़ाते क्यूँ हैं ..
और हो जाऊंगी उदास वो ये जानते भी हैं ..
ग़मों से छंटकर आज कुछ एहसास जगे हैं
करीब आयें, तभी तो फांसले सिमटते हैं.
वो चुप चाप यूँ बैठे क्यूँ हैं...
पलकों को झुकाए, होठों में पैगाम दबाए..
आँखों में शरारत, रुखसारों की चमक छुपाये
वो चुप चाप यूँ बैठे क्यूँ हैं......
68 comments:
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई, आपका ब्लॉग इसी तरह दिन दूना रात चौगुना बढ़ता रहे,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत अच्छा जी
आपने १०० वीं पोस्ट बहुत शानदार
ढंग से प्रकाशित की है.
बहुत बहुत बधाई और हार्दिक
शुभ कामनाएं.
सुन्दर सकारात्मक लेखन अनवरत
जारी रहे और ब्लॉग जगत को आप सदा
प्रकाशित करतीं रहें येही दुआ और कामना है.
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई....शुभकामनाएं....
बहुत बधाई एवं शुभकामनायें ...पोस्ट के आगे शून्य का आंकड़ा बढ़ता ही जाए !
बेताब धड़कनों का शोर बढ़ता जाता है....
उनके लब हैं कि हिलने में भी वक़्त लेते हैं...
मेरी हर सहर अंधेरो में डूबी जाती है..
वो कुछ कहें तो रोशनी सी ये रूह पाती है
bahut pyari ghazal bahut shaandar.100vi post ki dheron badhaai.
बहुत ही खुबसूरत पोस्ट....
शुभकामनायें आपको !
१०० वी पोस्ट की बधाई जी!
गीत क्या है लग रहा है मन के भावनाओं की ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति।
पढते-पढते एक गाना याद आ गया ..
वो पास रहें या दूर रहें
नज़रों मे समाए रहते हैं ...
100 वीं पोस्ट की बहुत बधाई, सुन्दर और आत्मीय गीत के साथ।
अनामिका जी १०० वी पोस्ट के लिए बधाई , आपने बेहतरीन साहित्य लिखा है शुभकामनाये. इस भावनात्मक पोस्ट के लिए भी
बेताब धड़कनों का शोर बढ़ता जाता है....
उनके लब हैं कि हिलने में भी वक़्त लेते हैं...
वाह ...वाह क्या बात है ....उनके लवों का हिलने में वक़्त लेना ....!
बहुत प्यारी रचना १००वीं पोस्ट के लिए बंधाई ..
chehre pe apne bhi muskaan daud gai...
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बहुत बधाई
अच्छी रचना है!
100वीं पोस्ट की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
मन के कोमल भावो की सुन्दर प्रस्तुति।
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
अवगत कराइयेगा ।
http://tetalaa.blogspot.com/
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई,ऐसे ही खुबसूरत पोस्ट लिखती रहे....
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई, आपका ब्लॉग इसी तरह बढ़ता रहे
100 वी पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई |
आशा
|
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई
चेहरे पर हल्की सी मुस्कान लिए ....पूरी रचना पढ़ डाली
बहुत अच्छा लिखा है ........आभार
बहुत बहुत बधाई।
पोस्ट भी बहुत अच्छी लगी।
सादर
खूबसूरत रचना और ...
100 वी पोस्ट पर आपको हार्दिक बधाइयां एवं हार्दिक शुभकामनायें .
बहुत ही खुबसूरत अहसासों को समेटे ये पोस्ट लाजवाब है |
एहसास खूबसूरती से उकेरे हैं ...
१०० वीं पोस्ट के लिए बधाई
पहले शतक की बधाई...दुआ करते हैं के आप शतकों का शतक लगायें...
नीरज
१०० वीं पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई...
और इतनी खूबसूरत रचना के लिए भी..!!
aapki kavita bahut pyari lagi.....aur 100 post pura hone per badhayee.
बहुत सुन्दर रचना , बहुत खूबसूरत प्रस्तुति अंदाज बधाई
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई.....
आपका ब्लॉग सफर यूं ही चलता रहे....
बहुत-बहुत शुभकामनायें ...
शतक जमाने के लिये हार्दिक बधाई, दोहरे शतक की अग्रिम बधाई.
रामराम.
बेताब धड़कनों का शोर बढ़ता जाता है....
उनके लब हैं कि हिलने में भी वक़्त लेते हैं...
मेरी हर सहर अंधेरो में डूबी जाती है..
वो कुछ कहें तो रोशनी सी ये रूह पाती है..
इस शानदार गजल के लिये पुन: बधाई, बहुत ही लाजवाब रचना.
रामराम
आपने अपनी मंजिल पर चलते १०० शानदार शतक लगा लिए सुनकर बहुत अच्छा लगा आपको हमारी तरफ से बहुत - बहुत बधाई हम आपके ऐसे ही आगे बढते रहने कि कामना करेंगे दोस्त |
बहुत खूबसूरत रचना |
behtarin shatak,,,shatak se pahle ka ek run banane mein sachin ki badhi dhadkano ki tarah meethe meeth dard ka ahshas karata hua shandar prayas..rachna ke liye bhi aaur shatak ke liye bhi badhayee
.
१०० वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई !
और हार्दिक
शुभ कामनाएं !
१०० वीं पोस्ट के लिये बहुत प्यारी और मधुर रचना चुनी है आपने ! सौ का आंकड़ा छूने के लिये और इतनी आत्मीयता पूर्ण स्निग्ध रचना के लिये हार्दिक बधाई एवं अभिनन्दन !
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई....शुभकामनाएं....
आँखों में शरारत, रुखसारों की चमक छुपाये वो चुप चाप यूँ बैठे क्यूँ हैं......
100 वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई...
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई/शुभकामनाएं!!
मेरे इस ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है!!
ब्लॉग की 100 वीं पोस्ट पेश करते हुए मुझे खुशी और हर्ष हो रहा है!
यहाँ प्रतिदिन पधारे
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई .......
ये चुप सी क्यूं लगी है अजी कुछ तो बोलिए!!
सौंवी पोस्ट बहुत शानदार रही. बधाई और शुभकामनायें. डबल सेंचुरी और भी तेज़ी से बने यही कामना.
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई
सुन्दर रचना और १०० वी पोस्ट की हार्दिक बधाई...
सादर...
Dr.Rama Dwivedi
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई.....
और हार्दिक
शुभ कामनाएं.
१००वीं पोस्ट की बधाई..कोमल अहसासों से परिपूर्ण रचना अंतस को छू जाती है. आभार
शनिवार को आपकी पोस्ट की चर्चा हलचल पर है ...!कृपया अवश्य पधारें....!!
वो चुप चाप यूँ बैठे क्यूँ हैं...
पलकों को झुकाए, होठों में पैगाम दबाए..
आँखों में शरारत, रुखसारों की चमक छुपाये
वो चुप चाप यूँ बैठे क्यूँ हैं......
बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ ..
बहुत सुन्दर सारगर्भित
रक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस के पावन पर्वों की हार्दिक मंगल कामनाएं.
वाह क्या बात है। बहुत खूब |100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई|
dhero badhai post aur rakhi parv ki ,
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई,
sunder geet !!
badhai ho , is 100v post pe :)
बहुत बहुत शुभकामनाएं अनामिका जी, गीत बहुत अच्छा है...
रक्षाबंधन पर्व की बधाई.
बेहद खूबसूरत रचना.....शुभकामनाएं । 100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई.....
बहुत बहुत बधाइयाँ जी,
बहुत जबरदस्त लिखा है
दिल को कहते शब्द
प्रेम-पीढा सब कुछ कहते ये शब्द
कई जिस्म और एक आह!!!
वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग जलते हैं ...
वो मुस्कुरा के देख लें तो बुझते चिराग जलते हैं....
उनको यही अंदाज़
ना मरने देता ना जीने देता
निरंतर बेचैन रखता
आपको १०० पोस्ट पर बधायी
100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई,शुभकामनाएं....
हजारवी पोस्ट का इंतजार रहेगा ....
100 वीं पोस्ट की बहुत-बहुत बधाई.... और शुभकामनाएं....
साथ ही स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
बेताब धड़कनों का शोर बढ़ता जाता है....
उनके लब हैं कि हिलने में भी वक़्त लेते हैं...
मेरी हर सहर अंधेरो में डूबी जाती है..
वो कुछ कहें तो रोशनी सी ये रूह पाती है..
यौमे आज़ादी की साल गिरह मुबारक ,"खूबसूरत शब्द चित्र आशिक -माशूक के बीच "मौन संवाद का नैनों से नैनों की कही -बतकही का .खूबसूरत अंदाज़ आपके ,मुबारक .कृपया यहाँ भी दस्तक देवें -
ram ram bhai
रविवार, १४ अगस्त २०११
संविधान जिन्होनें पढ़ा है .....
Sunday, August 14, 2011
चिट्ठी आई है ! अन्ना जी की PM के नाम !
देर से आने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं...100वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई.... स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...
सादर,
डोरोथी.
बेताब धड़कनों का शोर बढ़ता जाता है....
उनके लब हैं कि हिलने में भी वक़्त लेते हैं...
भावों एवं शब्दों को सुन्दर समन्वयन ..सुन्दर कोमल रचना ...१०० वीं पोस्ट के लिए हार्दिक बधाईयां ...मंगलकामनाएं !!!
उनकी चुप्पी आपमे ये रचना बन छलकी.
सचिन तेंदुलकर शतक न लगा सके,
तो दुःख हुआ, लेकिन आपके शतक से
काव्य जगत को प्रशन्नता तो अवश्य
ही हुई है. हर बार आप शतक बनाएँ.
ऐसी शुभ कामनाओं के साथ.
आनन्द विश्वास.
हम सबके अन्दर एक चंचल बच्चा रहता है जिसे हम गंभीरता और तथाकथित दुखों के आवरण में दबा देते हैं ! इससे बड़ा एक आत्मा के साथ अन्याय नहीं हो सकता ! उसे बाहर निकालें और मुक्त वातावरण में छोंड दें ....
नयी सुन्दर अभिव्यक्तियाँ जन्म लेंगी ....
शुभकामनायें आपको !
100 वीं पोस्ट की बधाई
बेताब धड़कनों का शोर बढ़ता जाता है....
उनके लब हैं कि हिलने में भी वक़्त लेते हैं...
मेरी हर सहर अंधेरो में डूबी जाती है..
वो कुछ कहें तो रोशनी सी ये रूह पाती है..
१०० वीं पोस्ट खामोशी की जुबां लगती है ... बहुत कमाल की रचना ... बधाई ...
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