अपनी जिंदगी में मुझे पनाह दे दे
आगोश में छुपा, मुझे जन्नत दे दे.
प्यासी है रूह, कब से तेरी ही चाहत में
अपने लबों की छुअन से इसे सागर दे दे .
मर न जाऊँ कहीं, दुनियाँ के कहर से ...
कयामत आने से पहले शानों का सहारा दे दे.
अपनी जिंदगी में मुझे पनाह दे दे
आगोश में छुपा, मुझे जन्नत दे दे.
फितरत है दुनियाँ की तो ज़हर देने की
उस से पहले, इन्ही हाथों से मुझे रुखसत दे दे..
बे-रब्त-ओ-मुतासिफ उम्मीदें डुबो दें ना कहीं
तू मुझे शब -ए-महताब सी रैईनाइयाँ दे दे..
अपने मसकान अपनी फासिल का सहारा दे दे...
आतिश-ए-दोज़ख़् मे जाने से पहले अब्र-ए-बहारा दे दे...
अपनी जिंदगी में मुझे पनाह दे दे
आगोश में छुपा, मुझे जन्नत दे दे.