चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...
इटली की मैं
कंगाल सी वेटर
बिलेनियर बन
बहनों को अपनी
माला-माल कर जाउंगी
घांदी से गांधी बन
अंग्रेजों से रंग दिखाउंगी
नादिर और राबर्ट क्लाइव हैं क्या
इस दौड़ में सबको पीछे छोडती जाउंगी
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
कलमाड़ी ने पहनी
राजा ने पहनी
करूणानिधि को तो
अँधा कर के जाउंगी ,
चिदम्बरम फिर चीज़ है क्या मनमोहन को भी
जेल की हवा खिलाऊँगी
चूड़ियाँ पहन लो बाबूतुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...
पैसों के ये सब हैं पुजारी
देश की किसी को फिकर नहीं
जनता गूंगी बहरी जिसकी
बस अपनी अपनी सब को पड़ी
पैसे के लिए देश चाट रहे
धरती माँ के कपूत बने
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...सी. बी.आई. की
औकात ही क्या
सारी जनता
आँखे मूंदे बैठी है ,
कहीं कोई एकता नहीं
कुर्सी के डर से
मिश्री वाणी में
घोली है
खेलों का चूना
दिख रहा सबको
फिर भी गाँधी की
बन्दर बन के बैठी है
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
हा.हा. कार
मच गया गर जो
सन '77 का
इतिहास दोहराउंगी
पेरू की तरह
मैं भी इटली की
नागरिकता दिखाउंगी
लूट का सारा माल उड़ा कर
मैं इटली उड़ जाउंगी
चूड़ियाँ पहन लो बाबू