कहो तो लौट जाते है..
आधी राह चल लिए तो क्या..आधी जिंदगी खो जाए तो क्या..
आधी जिंदगी जी भी तो लिए है..
कहो तो लौट जाते है..
अभी तो अश्क पलकों में कैद है..
अभी जज़्बात दिल के आगोश में है..
अभी सैलाब नही आए..
अभी जुबान ने ज़हर नही उगले..
अभी तो हर बात अपने हाथ में है..
कहो तो लौट जाते है..
अभी तो शुरूआती दर्द-ऐ-गम है..
अभी खंज़र चुभे नही दिल में..
अभी बिलबिलाया नही चाक दिल हो कर..
अभी वफ़ा की उमीदे है दिल में..
बेवफाई के अभी चर्चे आम नही है..
कहो तो लौट जाते है..
अभी तो नए नए मरना सीखे है..
प्यार में ठंडी आहे भरना सीखे है..
दिल अभी जुदाई में तड़पना सीखा है..
आँखों ने अभी तो शब् में जलना सीखा है..
मेरे बारे न कुछ सोचो..
घर नज़दीक है...मंजिल दूर है बाकी..
कहो तो लौट जाते है..
मुझे तो तुम्हारे साथ
जीने मरने की हसरत है..
कांटो से मुझे उलझने की आदत है..
दिल को तार-तार कर
लहू-लुहान हो जीना भी मुझे आता है..
ये रास्ता प्यार का रास्ता..
ये आंधी-खार का रास्ता..
बहुत दुश्वार है जाना..
इस रास्ते का हर जर्रा भी
इक खार है जाना..
कहो तो लौट जाते है..
तुम्हारा साथ पा लू तो ये
दो जहा मिल जाए..
तुम्हारी नजदीकियों से
मुश्किल राहे काफूर हो जाए..
तुम्हारे गेसुओ की छाव से
सूरज की तपिश भी दूर हो जाए..
जिस्मो के नर्म उजालो से..
मेर जिंदगी पुर-नूर हो जाए..
छुडा लो गर हाथ अपना तो
मेरी औकात ही क्या है..
पर तुम अपनी बात बतलाओ..
मेरे बारे न कुछ सोचो..
कहो तो चलते रहते है..
कहो तो लौट जाते है.....!!
27 टिप्पणियां:
LOKENDR JI KI TIPPANI...
----------------------
"लोकेन्द्र" said...
वाह क्या बात कही है.....
घर नज़दीक है...मंजिल दूर है बाकी..
कहो तो चलते रहते है..
कहो तो लौट जाते है.....
सुन्दर रचना.....
SANJAY BHASKAR JI KI TIPPANI
-----------------------------------
संजय भास्कर said...
कम शब्दों में बहुत सुन्दर कविता।
बहुत सुन्दर रचना । आभार
ढेर सारी शुभकामनायें.
संजय भास्कर said...
हर रंग को आपने बहुत ही सुन्दर शब्दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्तुति ।
अभी सैलाब नही आए..
अभी जुबान ने ज़हर नही उगले..
अभी तो हर बात अपने हाथ में है..
कहो तो लौट जाते है..
बहुत गहरी बात कही है। रचना अच्छी लगी। होली की हार्दिक शुभकामनायें
लौटना न पड़े तो ही अच्छा, अच्छी कविताएं
भल्ले गुझिया पापड़ी खूब उड़ाओ माल
खा खा कर हाथी बनो मोटी हो जाए खाल
फिरो मजे से बेफिक्री से होली में,
मंहगाई में कौन लगाए चौदह किला गुलाल
http://chokhat.blogspot.com/
"हैप्पी होली.....-कहो तो लौट जाते है- के प्रयोग से कविता में लय पैदा हो गई है और लय कविता का आधार है...."
प्रणव सक्सैना
amitraghat.blogspot.com
तुम्हारे गेसुओ की छाव से
सूरज की तपिश भी दूर हो जाए..
जिस्मो के नर्म उजालो से..
मेर जिंदगी पुर-नूर हो जाए..
वाह क्या पंक्तियाँ हैं ... बहुत गहरे एहसास ....
आपको और आपके परिवार को होली की बहुत बहुत शुभ-कामनाएँ .....
अनामिका जी, आदाब
होली की हार्दिक शुभकामनाएं
.........अभी वफ़ा की उमीदे है दिल में..
बेवफाई के अभी चर्चे आम नही है..
...................मुझे तो तुम्हारे साथ.......जीने मरने की हसरत है..
कांटो से मुझे उलझने की आदत है.......
.............
मेरे बारे न कुछ सोचो..
कहो तो चलते रहते है.......कहो तो लौट जाते है.....
आपकी...श्रेष्ठतम रचनाओं में से
एक.. की.....सर्वश्रेष्ठ पंक्तियां.
हृदय से बधाई....
तुम्हारे गेसुओ की छाव से
सूरज की तपिश भी दूर हो जाए..
जिस्मो के नर्म उजालो से..
मेर जिंदगी पुर-नूर हो जाए..
bahut sunder bhavo kee prastuti aur bade hee samarpan ka bhav liye hai aapkee ye rachana jo aajkal jara kum hee dikhatee hai ........
Happy holi........
छुडा लो गर हाथ अपना तो
मेरी औकात ही क्या है..
पर तुम अपनी बात बतलाओ..
मेरे बारे न कुछ सोचो..
कहो तो चलते रहते है..
कहो तो लौट जाते है.....!!
bahut hi laazwaab ,magar hum aese nahi laut sakte ,holi ki bahut bahut shubhkaamnaaye aapko aur aapke parivaar ko .
रंग बिरंगे त्यौहार होली की रंगारंग शुभकामनाए
होली में डाले प्यार के ऐसे रंग
देख के सारी दुनिया हो जाए दंग
रहे हम सभी भाई-चारे के संग
करें न कभी किसी बात पर जंग
आओ मिलकर खाएं प्यार की भंग
और खेले सबसे साथ प्यार के रंग
शीर्षक ही दिल चीरने वाला था .....उस पर ये कमाल के दर्दीले भाव ......कुछ लम्बी हो गयी बस.......!!
फ़ाग में चली ऐसी पुरवाई,
ये मादक पवन किसे ओर से आई ,
होली के मौसम में रूमानी से हो जाएं , और तब पढें यूं अनामिका की सदाएं
अजय कुमार झा
bahut khoob
kabhi kabhi hamare blogs par aakar darshan de diya kijiye anamika ji
http://aleemazmi.blogspot.com/
Anamika Ji,
HOLI KI SHUBH KAAMNAYEIN - SURINDER RATTI
AASHIKON KI BHAAVNAON SE PARICHAY KARATI SUNDER RACHNA ....
beautiful poem
comment deke chale jaate hai
phir say beautiful poem read karne ke
ley laut aate hai.
बाद दिनों के ऐसी कविता पढ़ने को मिली, जिसने मुझे छू लिया.
अच्छी लगी प्रेम से सराबोर, मनोहारी, भीगी भीगी सी कविता आपको व आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें
क्या बात है , पढ़ने मात्र से लगा की दिल से निकली सदायें हैं , बहुत ही उम्दा अभिव्यक्ति लगी ।
kaho to laut jaate hai.....wah!
bhagwan na kare lotna pade....by the way..very nice poem
अभी तो शुरूआती दर्द-ऐ-गम है..
अभी खंज़र चुभे नही दिल में..
अभी बिलबिलाया नही चाक दिल हो कर..
अभी वफ़ा की उमीदे है दिल में..
बेवफाई के अभी चर्चे आम नही है..
कहो तो लौट जाते है..
अभी खंजर नहीं चुभे है तब तो इतना दर्द उतर आया है सोच में यदि और आगे बढ़ गए तो क्या होगा?
वफ़ा की उम्मीद है अभी बाकी...????????
दिल की गहराई से लिखी रचना.....
मेरा सुझाव ....जब आधा रास्ता पार कर लिया तो अब ठहर कर क्या सोचना....जब तक साथ मिले चलते जाओ....
Bahut khub...firsht impration is las imration..
kaho to laut jaaten han...!
कहो तो चलते रहते है..
कहो तो लौट जाते है.....!!
चलते रहें -- चलते रहें -- चलते रहें
तुम्हारी नजदीकियों से
मुश्किल राहे काफूर हो जाए..
तुम्हारे गेसुओ की छाव से
सूरज की तपिश भी दूर हो जाए..
जिस्मो के नर्म उजालो से..
मेर जिंदगी पुर-नूर हो जाए..
bahut hi khoobsoorat ehsaas...behad sanjeeda khayaal...waah!!
अच्छी रचना बधाई
एक टिप्पणी भेजें