चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...
इटली की मैं
कंगाल सी वेटर
बिलेनियर बन
बहनों को अपनी
माला-माल कर जाउंगी
घांदी से गांधी बन
अंग्रेजों से रंग दिखाउंगी
नादिर और राबर्ट क्लाइव हैं क्या
इस दौड़ में सबको पीछे छोडती जाउंगी
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
कलमाड़ी ने पहनी
राजा ने पहनी
करूणानिधि को तो
अँधा कर के जाउंगी ,
चिदम्बरम फिर चीज़ है क्या मनमोहन को भी
जेल की हवा खिलाऊँगी
चूड़ियाँ पहन लो बाबूतुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...
पैसों के ये सब हैं पुजारी
देश की किसी को फिकर नहीं
जनता गूंगी बहरी जिसकी
बस अपनी अपनी सब को पड़ी
पैसे के लिए देश चाट रहे
धरती माँ के कपूत बने
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...सी. बी.आई. की
औकात ही क्या
सारी जनता
आँखे मूंदे बैठी है ,
कहीं कोई एकता नहीं
कुर्सी के डर से
मिश्री वाणी में
घोली है
खेलों का चूना
दिख रहा सबको
फिर भी गाँधी की
बन्दर बन के बैठी है
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
हा.हा. कार
मच गया गर जो
सन '77 का
इतिहास दोहराउंगी
पेरू की तरह
मैं भी इटली की
नागरिकता दिखाउंगी
लूट का सारा माल उड़ा कर
मैं इटली उड़ जाउंगी
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
39 comments:
चूडियो के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया है आपने! बहुत सच लिखा है अपने ..
निशब्द...
चूड़ी का सच।
तीखा कटाक्ष ....
लूट का सारा माल उड़ा कर
मैं इटली उड़ जाउंगी
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...
ये आपका इशारा किस तरफ है???
बधाई सच्चाई बयाँ करने के लिये.
bahut kuchh kah gai aapki ye rachna Anamika ji....
इटली वाली कब गई........इटली अंतिम बार....
इटली से कब चल रही.....है अपनी सरकार...
है अपनी सरकार.......करे ना कोई ठिठोली.....
देखो इटली बोल रही.......अब अपनी बोली...
मेरी मानो व्यर्थ .......कोसना अपने देश को..
थोड़ी चूड़ी भिजवा दो पर. ......कांग्रेस को.....
बहुत खूब !!
बड़ा तीखा कटाक्ष किया है ! मज़ा आ गया पढ़ कर ! वाकई देश की दुर्दशा देख बड़ी निराशा होती है ! किस पर भरोसा करें ! जिसकी तरफ थोड़ी सी आशा और भरोसे से देखते हैं भ्रष्टाचारियों की सूची में अगला नाम उसीका निकल आता है ! जो कुछ कहा बड़ी बेबाकी से कहा ! बधाई एवं शुभकामनायें !
मज़ा आ गया.. मगर मेरे मन में एक प्रश्न अभी भी बचा हुआ है कि जिन लोगों के नाम आपने लिए, क्या उनकी कलाइयों में जगह बची है चूड़ियाँ पहनने की???
हा.हा. कार
मच गया गर जो
सन '77 का
इतिहास दोहराउंगी
पेरू की तरह
मैं भी इटली की
नागरिकता दिखाउंगी
लूट का सारा माल उड़ा कर
मैं इटली उड़ जाउंगी
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...
Aah!
लाजवाब.....
अच्छी तस्वीर दिखाई है आपने।
हमारे ज़माने में एक गीत होता था ... देखो-देखो-देखो बाइसकोप देखो ...
कुछ ऐसा ही तर्ज़ है इस काव्यात्मक अभिव्यक्ति में।
आज कल सर्कार इंटरनेट पर भी नज़र रखे हुए हैं ...बैन हो जायेगा ब्लॉग ... धारदार सच ..वैसे सच हमेशा ही धार लिए होता है .
आपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं.. माता सबों को खुश और आबाद रखे..
जय माता दी..
बहुत तीखा प्रहार। शहीदों की पंक्ति में आना है क्या?
सुन्दर प्रस्तुती.....
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...
kya vyang hai.....
laajabaab...na jaane is prajatantr ko kitni choodi pahanni padengi.
तीखा कटाक्ष किया है आपने चूडियों के माध्यम से ...
गहरा व्यंग्य है आग से खेलने कि हिम्मत हैं आप में.........हैट्स ऑफ
बेहतरीन कटाक्ष्……………गहरा वार किया है ……………शानदार प्रस्तुति।
चूड़ियों का है ज़माना...
सी. बी.आई. की
औकात ही क्या
सारी जनता
आँखे मूंदे बैठी है ,
कहीं कोई एकता नहीं
कुर्सी के डर से
मिश्री वाणी में
घोली है
खेलों का चूना
दिख रहा सबको
फिर भी गाँधी की
बन्दर बन के बैठी है
चूड़ियाँ पहन लो बाबू
तुम सबको चूड़ियाँ पहनाउंगी ...waah
जयप्रकाश आंदोलन से जुड़े नागार्जुन तब डफली बजाते हुए नाच-नाचकर गाते- 'इंदूजी-इंदूजी क्या हुआ आपको/ सत्ता के खेल में भूल गई बाप को'।
(जयप्रकाश आंदोलन और हिंदी कविता) http://angikaa.blogspot.com/2011/08/blog-post_26.html
" Yatharth " ke bahut nikat hai yah abhivyakti...!!
बड़ी हिम्मत से बड़ी जबर्दस्त बात कही आपने... जबरदस्त रचना ... वाह ..मजा आ गया ... :))
मेरे ब्लॉग में भी आपनी राय दी आपका तहे दिल शुक्रिया ...
बड़ी हिम्मत से बड़ी जबर्दस्त बात कही आपने... जबरदस्त रचना ... वाह ..मजा आ गया ... :))
मेरे ब्लॉग में भी आपनी राय दी आपका तहे दिल शुक्रिया ...
बड़ी हिम्मत से बड़ी जबर्दस्त बात कही आपने... जबरदस्त रचना ... वाह ..मजा आ गया ... :))
मेरे ब्लॉग में भी आपनी राय दी आपका तहे दिल शुक्रिया ...
गजब का व्यंग्य......
तीखा कटाक्ष..... मौजूदा दौर का सच...
सब कुछ है इस रचना में
अंगूठा भी दिखाउंगी ...
वाह !
गजब का व्यंग्य...... तीखा कटाक्ष..... .
बधाई एवं शुभकामनायें !
करारी चोट
इसके आगे कुछ नहीं कह सकता बधाई हो आपको
आप भी मेरे फेसबुक ब्लाग के मेंबर जरुर बने
mitramadhur@groups.facebook.com
MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN
MITRA-MADHUR
bahut din baad aanaa ho paayaa , shaanadaar rachnaa ,kyaa nishaanaa lagayyaa hai aapne . par koyi sudharnewaalaa nahee hai .
आग कहते हैं, औरत को,
भट्टी में बच्चा पका लो,
चाहे तो रोटियाँ पकवा लो,
चाहे तो अपने को जला लो,
अच्छी रचना
अरे बाप रे...इतना सीधा सीधा.... :)
डायेरेक्ट.
खरी-खरी!
आशीष
--
लाईफ?!?
:):)
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