Friday, 1 November 2013

कुछ इधर-उधर की .....

दोस्तों नमस्कार.




बहुत लम्बे अंतराल के बाद आज आप सब  से मुखातिब हुई हूँ।  लेकिन ये सत्य है कि इतने अंतराल में,  मैं आप सब साथियों को अपनी प्रतिदिन की दिनचर्या  में कभी भुला  नहीं पायी और सच में कभी ऐसा चाहा  भी नहीं . आज आप सब के बीच आने के लिए ऐसा नहीं है कि  कोई प्रेरणा स्त्रोत रहा...… लेकिन मन आज बरबस ही आप सब की तरफ खींच लाया, बेशक इसकी वजह आप सब से मिला अनंत प्यार ही रहा है. 

साथियों इस लम्बे अंतराल के बीच बहुत कुछ देश में घटित होता गया . कुछ हालातों ने कई बार मन को व्याकुल, अस्त-व्यस्त किया, झिंझोड़ा। शायद  शब्द ही  नहीं है अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिये….शयद यही वजह रही होगी की मन निशब्द हो गया और कुछ भी आप सब से सांझा न कर सकी …अभि भी देश के हालात उस देहलीज़ पर खड़े हैं कि  कहीं भी कुछ भी घटित हो सकता है…और  जो भी घटित हो जाये कोई आश्चर्य-जनक हादसा न  कहलायेगा …क्युकि  देश के राजनेता सदाचार, आचार-विचार, विवेक , भ्रष्टाचार , लालच की सभी सीमायें लांघ चुके हैं  . 

हाँ इतना अवश्य महसूस किया जा रहा है की देश अब नयी करवट लेने को है… और कौन सा चेहरा नेताओं का अब सामने आता है ये सब अभी अंधकार  और विचार-मय  है. 

एक तरफ पाकिस्तान हम पर आँखे लगाए बैठा है, दूसरी तरफ चीन हर रोज नयी वेश-भूषा में रंग बदलता हुआ नज़र आता है. अन्य पडोसी देश  भी मौके के इंतज़ार में है तो इधर नेता लोग हर रोज एक नया इतिहास गढ़ने में लगे हैं …. 
आज भी मन कुंठाओं में घिरा कुछ लिख कर अपने मनोभावोन को पूर्ण रूप देने में असमर्थ महसूस करता है.  लेकिन आप सब से आज मन ने कुछ साँझा करने की तीव्र इच्छा की ही है तो इस बीच जो कुछ मैंने फेसबुक पर कभी कभी पोस्ट किया उसी में से कुछ  आप सब के लिए पेश करती हूँ, और हाँ वादा तो नहीं करती लेकिन कोशिश जरूर करुँगी की अब फिर से आप सब के बीच ही यथासंभव रहने की कोशिश करुँगी ….वो कहते हैं न…कोशिशे कामयाब रहती हैं …वादे टूट जाते हैं …. तो चलिये… हो जाइये तैयार पढने के लिए मेरी अभिव्यक्तियां  … 

आज जिस भ्रष्टाचार से देश गुजर रहा है तो जरूरत है एक ऐसे प्रतिनिधि की जो अपनी तानाशाही दिखा कर, डंडे के जोर पर इस देश की व्यवस्था को दुरुस्त कर सके. और बेशक जनता अगर मोदी में वही तानाशाह वाला रूप देखती है तो कोई गलत नहीं है. आज मोदी जैसे ही सख्त नेता की जरूरत है हमे.

माना नमो ने देवालय संग शौचालय का आलाप किया 
युवराज ने भी बकवास कह क्या न उपहास किया ?
हाथ ने जब न उसका विरोधाभास किया 
तो फिर नमो पर क्यूँ हा-हा-कार किया !!

लालू जी अब कैदियों को पढ़ा रहे 
राजनीति का क, ख , ग 
बिहारी बे-चारा हो गये 
बोलो रा -रा - रा- !!

कोई रोता घोटालों को कोई रोता शौचालयों को 
सेना न जाने कब तक बलि देती रहेगी 
कुर्सी के कुकरमुत्तो के कर्मो की सजा खुद सह जाने को ॥




दीपावली की  सबको हार्दिक बधाई। 


13 comments:

अजित गुप्ता का कोना said...

देश तभी असहाय होता है जब जनता सत्ता सुख के सपने देखने लगती है। आज का पत्रकार भी जनता की बात कम करता है और सत्ता पक्ष की पैरवी अधिक करता है। आपका स्‍वागत है।

रश्मि प्रभा... said...

देश देशवासियों की मतलब का रह गया है

Kailash Sharma said...

इंतजार सुनहरे भविष्य का कब तक? जागना होगा जनता को अब तो..

अशोक सलूजा said...

अब अनामिका की सदायें रंग लायेंगी .....
पूरी तरह आपसे सहमत !
स्वस्थ रहें ...दिवाली की शुभकामनायें!

दिगम्बर नासवा said...

मस्त चुटकी ली है सभी पर ....आपका स्वागत अहि पुनः ...
दीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...

mridula pradhan said...

bahot achchi.......

संजय भास्‍कर said...

....आपका स्वागत है
आपको
तथा आपके पूरे परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ॥

संजय भास्‍कर said...

दीपावली आपके लिए शुभ और लाभ कारी हो।

प्रतिभा सक्सेना said...

स्वागत अनामिका !
फिर से तुम्हें देख कर अच्छा लगा पर मैं बहुत अनियमित हूँ आजकल.

babanpandey said...

समय का ऊंट तुरंत-तुरंत करवट लेता है अनामिका बहन जी ..मेरे भी ब्लॉग पर आये.. निवेदन है छठ कि पावन बधाई

babanpandey said...

समय का ऊंट तुरंत-तुरंत करवट लेता है अनामिका बहन जी ..मेरे भी ब्लॉग पर आये.. निवेदन है छठ कि पावन बधाई

इमरान अंसारी said...

स्वागत है आपका उम्मीद है आगे भी सक्रीय रहेंगी |

मनोज कुमार said...

मज़ा आ गया।