Monday 30 December 2013

तुम बदल जाओगे.....

ये ना सोचा था कभी कि
तुम बदल जाओगे कभी
दुनिया डराएगी तुम्हे, और
तुम भी डर जाओगे कभी

छोड़ दोगे मुझे
औरो के डराने से ही..
दूर चले जाओगे..
मुझसे रूठ कर यूँ  ही...!!

तुम वही हो ना...
सीने से लगाया था 

जिसने मुझे,
तुम वही हो ना,
मेरे अश्क देख
अपने सीने में  भी
दर्द पाया था कभी..!!

आज दूर हुए हो इतने..
कि दूर जाने का भी...
तुमको मलाल नही..!.
ये ना सोचा था कभी
कि तुम बदल जाओगे कभी..!!

प्यार के  बदले प्यार दोगे..
दगा ना दोगे कभी.
यूँ  ही खुद को बहलाया किया..,
कि चाहोगे बे-इंतहा  यूँ  ही..!.
सोचा था ही नही...
कि उम्मीदे टूटेंगी कभी..
और दूर चले जाओगे ..
एक दिन यूँ  ही....!.

सामने आया आज वो सब ..
जो ना सोचा था कभी..
ये ना सोचा था कभी
कि तुम बदल जाओगे कभी..!!





11 comments:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

आपकी कविताओं का वही रंग इतने दिनों बाद भी बरकरार है.. भावों को बख़ूबी बयान किया है आपने!!

सूबेदार said...

बहुत अच्छी हमेसा कि तरह----!

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

kya baat

संजय भास्‍कर said...

बहुत खूबसूरत अंदाज़ में पेश की गई है पोस्ट......नव वर्ष के आगमन पर पर सार्थक रचना........शुभकामनायें।

Anita said...

जो बदल जाये वही संसार है..जो न बदले वह बस खुदा का प्यार है

Amrita Tanmay said...

हार्दिक शुभकामनाएं ..

इमरान अंसारी said...

सुन्दर अहसास |

डॉ. जेन्नी शबनम said...

बहुत अच्छी रचना, बधाई.

प्रतिभा सक्सेना said...

बहुत दिनों बाद आपको पढ़ा ,बहुत अच्छा लगा अब तो आता रहेेंगी न !

Pramod Kumar Kush 'tanha' said...

सोचा था ही नही...
कि उम्मीदे टूटेंगी कभी..

sunder abhivyakti ... badhaayee...

soun pari said...

जो बदला वो अपना ना था कभी
पर मान को ये अहसास भी ना था कभी
मुरझाते है गुल वही जो बस सच्चे होते है
कहते है ना लोग सभी नकली कब अच्छे होते है