थकने लगी है
मजबूरियाँ जो इतनी
निष्ठुर हो चली हैं ..
अथक प्रयास कर के भी,
कोई उम्मीद जगती नही है..
कि तिनका-तिनका हो
चाहते बिखर सी गई हैं ..!!
मुस्कान भी अब मेरी
मुझ पर ही हसने लगी है ..!!
श्वासों की लय, जो
डर डर के चलती है..
कि जाने कौन से पल में
क़यामत छुपी है..
हर आहट में जैसे
तुफानो की सरगोशी है..
टूट गई अब के तो ..
संभलने की ताकत भी नही है..
मुस्कान भी अब मेरी
पथराने लगी है..!!
गहरी नींद से यूँ
हडबडा के उठ जाती हूँ,
काली रात में
अपने ही साए से डर जाती हूँ..
मन रूपी दीपक जलता है..
बिरहन सी तड़प लिए..
बेचैन साँसों के गुबार में
ज्यूँ तन्हाई पलती है..
थक चुकी है वो भी
अब मेरे आलिंगन में॥
कि आँख भी अब मेरी
डब-डबाने लगी है..
मुस्कान भी अब होठों की
फीकी पड़ने लगी है..!!
26 टिप्पणियां:
मन रूपी दीपक जलता है..
बिरहन सी तड़प लिए..
बेचैन साँसों के गुबार में
ज्यूँ तन्हाई पलती है..
सुन्दर रचना ......एक अच्छी अभिव्यक्ति ....कुछ पंक्तिया लाजवाब ......
मन की वेदना को खूबसूरती से शब्दों में ढाला है.....
मन की पीड़ा को लफ्ज़ दर लफ्ज़ उभारा है....
मन रूपी दीपक जलता है..
बिरहन सी तड़प लिए..
गहरे भावों कोलाहल लिखा है आपने
सुन्दर
रचना अद्भुत है, अगर रचना असलियत के उपज है तो मुस्कान को थकने मत दें।
Hi..
Hruday basi jo peeda tere..
Dil par usko chhane na den..
Hansi labon par tere jo hai..
Dard ko us par aane na den..
Halka dard bant kar hota..
Hath se mauka jane na den..
Hamen batayen peeda saari..
Hansi ko par pathraane na den..
DEEPAK..
www.deepakjyoti.blogspot.com
man ki piida ko bahut hi khoobsoorti se shabdon mein utara hai.......kal ke charcha manch par aapki post hogi.
श्वासों की लय, जो
डर डर के चलती है..
कि जाने कौन से पल में
क़यामत छुपी है..
Waise to poori rachna aise lagi jaise mere manko samne rakh likha ho!
सुन्दर रचना!
शब्द संयोजन बहुत बढ़िया है!
श्वासों की लय, जो
डर डर के चलती है..
कि जाने कौन से पल में
क़यामत छुपी है..
... बहुत खूब !!!
baat to kabhee bhee kuchh bhee naa thee, bas yu hee muskurata raha. apno ko khush rakhane ke liye apne gam chhipata raha. narayan narayan
बहुत बढ़िया है! ............बधाई।।
बहुत सुन्दर रचना
muskan ko feeka na padne de .....hanste rahe !!!
achchi rachna !!
महिलाओं में श्रेष्ठ ब्लागर कौन- जीतिए 21 हजार के इनाम
पोस्ट लिखने वाले को भी मिलेगी 11 हजार की नगद राशि
आप सबने श्रेष्ठ महिला ब्लागर कौन है, जैसे विषय को लेकर गंभीरता दिखाई है. उसका शुक्रिया. आप सबको जलजला की तरफ से एक फिर आदाब. नमस्कार.
मैं अपने बारे में बता दूं कि मैं कुमार जलजला के नाम से लिखता-पढ़ता हूं. खुदा की इनायत है कि शायरी का शौक है. यह प्रतियोगिता इसलिए नहीं रखी जा रही है कि किसी की अवमानना हो. इसका मुख्य लक्ष्य ही यही है कि किसी भी श्रेष्ठ ब्लागर का चयन उसकी रचना के आधार पर ही हो. पुऱूषों की कैटेगिरी में यह चयन हो चुका है. आप सबने मिलकर समीरलाल समीर को श्रेष्ठ पुरूष ब्लागर घोषित कर दिया है. अब महिला ब्लागरों की बारी है. यदि आपको यह प्रतियोगिता ठीक नहीं लगती है तो किसी भी क्षण इसे बंद किया जा सकता है. और यदि आपमें से कुछ लोग इसमें रूचि दिखाते हैं तो यह प्रतियोगिता प्रारंभ रहेगी.
सुश्री शैल मंजूषा अदा जी ने इस प्रतियोगिता को लेकर एक पोस्ट लगाई है. उन्होंने कुछ नाम भी सुझाए हैं। वयोवृद्ध अवस्था की वजह से उन्होंने अपने आपको प्रतियोगिता से दूर रखना भी चाहा है. उनके आग्रह को मानते हुए सभी नाम शामिल कर लिए हैं। जो नाम शामिल किए गए हैं उनकी सूची नीचे दी गई है.
आपको सिर्फ इतना करना है कि अपने-अपने ब्लाग पर निम्नलिखित महिला ब्लागरों किसी एक पोस्ट पर लगभग ढाई सौ शब्दों में अपने विचार प्रकट करने हैं। रचना के गुण क्या है। रचना क्यों अच्छी लगी और उसकी शैली-कसावट कैसी है जैसा उल्लेख करें तो सोने में सुहागा.
नियम व शर्ते-
1 प्रतियोगिता में किसी भी महिला ब्लागर की कविता-कहानी, लेख, गीत, गजल पर संक्षिप्त विचार प्रकट किए जा सकते हैं
2- कोई भी विचार किसी की अवमानना के नजरिए से लिखा जाएगा तो उसे प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा
3- प्रतियोगिता में पुरूष एवं महिला ब्लागर सामान रूप से हिस्सा ले सकते हैं
4-किस महिला ब्लागर ने श्रेष्ठ लेखन किया है इसका आंकलन करने के लिए ब्लागरों की एक कमेटी का गठन किया जा चुका है. नियमों व शर्तों के कारण नाम फिलहाल गोपनीय रखा गया है.
5-जिस ब्लागर पर अच्छी पोस्ट लिखी जाएगी, पोस्ट लिखने वाले को 11 हजार रूपए का नगद इनाम दिया जाएगा
6-निर्णायकों की राय व पोस्ट लेखकों की राय को महत्व देने के बाद श्रेष्ठ महिला ब्लागर को 21 हजार का नगद इनाम व शाल श्रीफल दिया जाएगा.
7-निर्णायकों का निर्णय अंतिम होगा.
8-किसी भी विवाद की दशा में न्याय क्षेत्र कानपुर होगा.
9- सर्वश्रेष्ठ महिला ब्लागर एवं पोस्ट लेखक को आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए आने-जाने का मार्ग व्यय भी दिया जाएगा.
10-पोस्ट लेखकों को अपनी पोस्ट के ऊपर- मेरी नजर में सर्वश्रेष्ठ ब्लागर अनिवार्य रूप से लिखना होगा
ब्लागरों की सुविधा के लिए जिन महिला ब्लागरों का नाम शामिल किया गया है उनके नाम इस प्रकार है-
1-फिरदौस 2- रचना 3-वंदना 4-संगीता पुरी 5-अल्पना वर्मा- 6 –सुजाता चोखेर 7- पूर्णिमा बर्मन 8-कविता वाचक्वनी 9-रशिम प्रभा 10- घुघूती बासूती 11-कंचनबाला 12-शेफाली पांडेय 13- रंजना भाटिया 14 श्रद्धा जैन 15- रंजना 16- लावण्यम 17- पारूल 18- निर्मला कपिला 19 शोभना चौरे 20- सीमा गुप्ता 21-वाणी गीत 21- संगीता स्वरूप 22-शिखाजी 23 –रशिम रविजा 24- पारूल पुखराज 25- अर्चना 26- डिम्पल मल्होत्रा, 27-अजीत गुप्ता 28-श्रीमती कुमार.
तो फिर देर किस बात की. प्रतियोगिता में हिस्सेदारी दर्ज कीजिए और बता दीजिए नारी किसी से कम नहीं है। प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तारीख 30 मई तय की गई है.
और हां निर्णायकों की घोषणा आयोजन के एक दिन पहले कर दी जाएगी.
इसी दिन कुमार जलजला का नया ब्लाग भी प्रकट होगा. भाले की नोंक पर.
आप सबको शुभकामनाएं.
आशा है आप सब विषय को सकारात्मक रूप देते हुए अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगाएंगे.
सबका हमदर्द
कुमार जलजला
बहुत ख़ूबसूरत रचना ! हर शब्द में मन की व्यथा बड़ी शिद्दत के साथ प्रतिबिंबित हुई है ! मेरी बधाई स्वीकार करें !
http://sudhinama.blogspot.com
http://sadhanavaid.blogspot.com
इतने निराशावादी भाव क्यों जी ,
न ही मुस्कान थकेगी , न आप । हम ऐसा होने नहीं देंगे ।
lo...... jo log muskaate nahi thakte..unki muskaan thakne lagi...aise thodi hota hai di...hehehe...are mast nazm hai ....
@हर आहट में जैसे
तुफानो की सरगोशी है...
तूफानों से अविचलित गुजर जाना है ...आस का दामन थामे ...मुस्कान लौट आएगी ...
अच्छी कविता ...!!
nice poem
http://madhavrai.blogspot.com/
BAHUT HI GERAI SE LIKHA HI DI
DIL NIKAL KAR RAKH DIYA HAI...
muskaan jaroor lautegi........
अनामिका जी , रचना अपने कथ्य को कह गयी । मुस्कान मे अन्तर्कथायेँ ? कहाँ तक ले जाँय ।
प्रशंसनीय ।
सुन्दर अभिव्यक्ति ...
मन रूपी दीपक जलता है..
बिरहन सी तड़प लिए..
बेचैन साँसों के गुबार में
ज्यूँ तन्हाई पलती है..
थक चुकी है वो भी
अब मेरे आलिंगन में॥
bahut hi badhiyaa poem...par apko suit nahi karti...bilkul bhi nahi...muskaan bikherna kaam hai aapka :)
muskuraht hi to ek aisi dva hai jo samne vale me jan fook deti hai.muskuraht ka manvikrn udasi ki chader lpete huye hai,kyo? ye nhi puchhungi bs eltja hai is chader ko utar fekiye . aap muskurati achchhi lgti hai .
श्वासों की लय, जो
डर डर के चलती है..
कि जाने कौन से पल में
क़यामत छुपी है..
देर से आने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ.कविता दिल का दर्द बयां कर रही है हमेशा की तरह बेहतरीन,लाजवाब
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