मन की ज्वाला रोक सखी
अश्रु की धारा रोक सखी
क्यों शोक भार से चूर्ण सखी ?
धैर्य की डोर ना छोड़ सखी !
कटु बोल सब भूल सखी
मरहम की कोई ले ओट सखी
विकार न जला डालें तुझको
तम-वर्षा को बस झेल सखी !
आस के तार न तोड़ सखी
कोई श्रम कर इनको जोड़ सखी
टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी !
प्रियतम तुझे इक दिन समझेंगे
अनुराग विराग सब छोड़ सखी
माना अरुणोदय हुआ नहीं
निशी का जाना निश्चय सखी !
अब कैसा ये कोप सखी
पावन धारा को मोड़ सखी
मुख से दृगजल पोंछ सखी
प्रेम सागर से मोती खोज सखी !
55 comments:
टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी !
आशा और विश्वास का सन्देश देती बहुत प्रेरक प्रस्तुति..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ..
Lovely n inspiring lines.. optimistic lines which encourage me to start once again though frm beginning...
नए वर्ष पर इन आंसुओं से बाहर आइये ...नयी मुस्कान और आशा के साथ! हार्दिक शुभकामनये !
टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी !
Tatha,
माना अरुणोदय हुआ नहीं
निशी का जाना निश्चय सखी !
ye panktiyan bahut pasand aayeen. Waise to pooree rachana lajawaab hai!
आस बनी है प्यास सखी।
ये सब इत्तिफ़ाक़ात का खेल है
यही है जुदाई यही मेल है
मैं मुड़ मुड़ के देखा किया दूर तक
बनी वो ख़ामोशी सदा देर से
सब अच्छा ही होगा, सखी भी समझ जाएगी, जो आप समझाना चाहती हैं ... नए साल का स्वागत करें।
बहुत सुन्दर लोकगीत!
आपको नव वर्ष मंगलमय हो!
बहुत सुन्दर गीत जो हमसभी को प्रभावित करती हुई भाव कितने अच्छे बहुत-बहुत धन्यवाद.
मन की ज्वाला रोक सखी
अश्रु की धारा रोक सखी
क्यों शोक भार से चूर्ण सखी ?
धैर्य की डोर ना छोड़ सखी !
मन स्थिर कर दें, ऐसे भाव प्रकट किये है आपकी कलम नें
प्रेरणादायक शब्द गुंथन। आभार
धैर्य की डोर ना छोड़ सखी
यही है आशा और विश्वास
बहुत सुंदर
बहुत भावपूर्ण गीत ....खूबसूरत भावों को समेटे हुए ...प्रेरक रचना ..
नव वर्ष की शुभकामनायें
बच्चन जी की वह उपमा याद आ गई जहाँ उन्होंने कहा है कि अश्रु बह रहे थे इस नयन से उस नयन में... वैसी ही अनुभूति से गुज़र रहा हूँ इस कविता पर..
बहुत धैर्य बंधाने वाला और आश्वस्त करने वाला सार्थक संसेश समेटे एक भावपूर्ण रचना ! मुझे पूरा विश्वास है आपकी सखी ने इस कविता में निहित आपका सहानुभूतिपूर्ण संकेत अवश्य समझ लिया होगा ! बहुत सुन्दर रचना ! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
ये हुई ना मर्दों ......बहादुर औरतों वाली बात.नव वर्ष जरूर लाएगा ...प्यार..ढेरों खुशियाँ.आशा,उम्मीदों,इच्छाओं का दामन कभी ना छोडना.
सारे सपने पूरे होंगे सखी.
बस यूँ उमंग भरे गीत छेड़ सखी.
हा हा हा गुड....वेरी गुड.
सुन्दर प्रस्तुति..
नव वर्ष कि शुभकामनाये स्वीकार करे..
कुंवर जी,
उम्दा पोस्ट !
सुन्दर प्रस्तुति..
नव वर्ष(2011) की शुभकामनाएँ !
अश्रु की सौगात छोड़ सखी
मुस्कुराया नवप्रभात देख सखी ...
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
सुन्दर प्रस्तुति..
नव वर्ष कि शुभकामनाये स्वीकार करे..
भाव पूर्ण रचना |बहुत बहुत बधाई |नव वर्ष शुभ और मंगलमय
हो |
आशा
अब कैसा ये कोप सखी
पावन धारा को मोड़ सखी
मुख से दृगजल पोंछ सखी
प्रेम सागर से मोती खोज सखी !
आशा भरी बेहद खूबसूरत रचना बहुत कुछ कह जाती है।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
सखी,
नए साल के उजले भाल पे,
लिखें इबारत नए ख्याल से।
*
नए साल की शुभकामनाएं।
bahoot sundar manobhav mano apki hi pratikrti apke antardvand se aahat ho apke in aansuo ko motio mai pervartit kar dane chati hai. ek sundar sche sakaha ki paras si abhivayekti.sachmuch anmol motio se bhra apka man hai ye sakhi. nav varsh ki shubkamnaye apko or apke priyjano k liye ek sakhi ki or se.
आशा का उजास फ़ैलाती दुख की दुनिया से निकल खुशियों को गले लगाने का सुंदर संदेश देती... खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को भी सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
खूबसूरत अभिव्यक्ति
नए साल की शुभकामनाएं।
बेहतरीन रचना। बधाई। नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !
सुन्दर रचना प्रस्तुति ...नववर्ष पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ....
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं
चुड़ैल से सामना-भुतहा रेस्ट हाउस और सन् 2010 की विदाई
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!
सदाचार - मंगलकामना!
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
नया वर्ष आप के ओर आप के परिवार के लिये सुख मय हो ओर देश भर मे खुशियां के कर, सुख ले कर आये, मेरी शुभकामनाऎं आप सब के संग हे!! मेरा यह नये साल का उपहार आप सब के लिये हे..
http://blogparivaar.blogspot.com/
नए साल का सुन्दर आगाज़.
हार्दिक शुभकामनायें.
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें , आशा है यह वर्ष आपके लिए नयी खुशियाँ लेकर आएगा,
बेहतरीन रचना। बधाई। आपको भी नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !
आस के तार न तोड़ सखी
कोई श्रम कर इनको जोड़ सखी
टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी !
bahut hi umda rachna ,kai mahine blog jagat se door rahi aur sabki bahut rachnaye nahi padh saki ab aai hoon dheere -2 padhoongi .nav barsh ki dhero badhaiyaan .
सुंदर प्रस्तुति. नूतन वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं .
अनामिका जी,
यह नूतन वर्ष आपके श्रेष्ठ संकल्पो को सार्थक लक्ष्य तक पहुंचाए…नववर्ष की शुभकामनाएँ।
अनामिका जी,
नमस्ते!
नया साल गुज़रे आपका हँसते-हँसते!
बाकि सब तो ठीक है, लेकिन ये रचना एक्स्क्लुसिव्ली सखियों के लिए क्यूँ? सखाओं का भी ध्यान रखें!!!
हा हा हा.....
आभार.
आशीष
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हमहूँ छोड़के सारी दुनिया पागल!!!
दुख और नैराश्य के क्षणों में भी आस की डोर न टूटे,नववर्ष पर इससे बेहतर कामना भला क्या होगी!
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
bahut achcha likhi hain aap.
आस के तार न तोड़ सखी
कोई श्रम कर इनको जोड़ सखी
टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी ...
मन के भावों को सुन्दर शब्दों में पिरोया है आपने ... उस दिन आपसे बात कर के बहुत अछा लगा ...
आपको और आपके पूरे परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ...
नववर्ष की मंगल कामना!
अशा ही जीवन है। आपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की अनंत मंगलकामनाएं
एक बेहतरीन रचना । नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
काबिले तारीफ़ शव्द संयोजन ।
बेहतरीन अनूठी कल्पना भावाव्यक्ति ।
सुन्दर भावाव्यक्ति । साधुवाद ।
satguru-satykikhoj.blogspot.com
अनामिका जी, जीवन के सार को कविता में आपने बहुत ही सुंदर ढंग से सजा दिया है। हार्दिक बधाई।
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मिल गया खुशियों का ठिकाना।
वैज्ञानिक पद्धति किसे कहते हैं?
भावपूर्ण उद्बोधन ।
टूटा जो तारा इस रात सखी
ना जाने क्या हो उत्पात सखी !
अत्यंत भावपूर्ण रचना...
शायद मनोयोगों का अंतर्मंथन है
लो आ गई जी टिप्पणी देने
कुछ पंक्तिया ये भी
मन से मन जोड़ सखी
अब ये उलझन छोड़ सखी
मन में अब विश्वास सखी
तो बाकि सब पास सखी |
नव वर्ष की बधाई हो
anamika ji
kin -kin panktiyo ka jikr karun ,sbhi ek se badh kar ek hain.lagta hai sbhi ko is rachna ko padh kar sunau.
bahut -bahut behatreen prastuti
अब कैसा ये कोप सखी
पावन धारा को मोड़ सखी
मुख से दृगजल पोंछ सखी
प्रेम सागर से मोती खोज सखी !
aapko bahut bahut bahut badhai is dil se.
poonam
बहुत ही प्रेरणाप्रद रचना। हार्दिक बधाई।
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पति को वश में करने का उपाय।
???
वाह क्या लिखा है आपने... बहुत गहरी छाप छोडती रचना ...
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
behad sundar rachna
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