संसार की
इस चित्रशाला को
अपने शौर्य से !
जो शूर हैं
वही...
सदियों तक
अमर रहे
इतिहास में..!
राजा, धनि और महाजन
क्या रह पाए कोई अमर ?
शौर्य गुण से श्रृंगार करो
इस जीवन का
जो बिना उधार के
मिल सकता है ...
आपके बाहुल्य से ही
अर्जित हो सकता है !
वैरागी क्या
परास्त करेगा
जीवन को ?
दूर भाग विषमताओं से
क्या अस्तित्व ना
खत्म कर देगा
सृष्टि का..?
शोक त्याग कर
युद्ध करो
और गीता ज्ञान का
ध्यान करो ...
कि.....
वीरता को
त्याज्य नहीं..
अपरिहार्य करो !
खुद ही भैरवी
बन जाओ तुम,
भैरवी संगीत से
रणभूमि में
बिगुल बजाओ तुम !
वीर हो तो
वीर ह्रदय में
जीवन के
अंतिम चरम सौंदर्य के
नग्न रूप को
आत्मसात करो !
केवल एक वीर ही तो
पा सकता है
अत्यंत आनंद
जीवन के अंतिम दृश्य का ..!
आम इंसान क्या
आनंद उठाएगा
मृत्यु संगीत का ?
43 comments:
जो शूर हैं
वही...
सदियों तक
अमर रहे
इतिहास में..!
कौन भुला पाता है शूर वीरों को
सुन्दर रचना
बहुत सुन्दर वीर रस की कबिता
अपने तो सुभद्रा कुमारी चौहान की याद दिला दी
भगवान की गीता को भी याद किया
ऐसे ही कबिताओ से देश भक्ति जागेगी.
बहुत-बहुत धन्यवाद
खुद ही भैरवी
बन जाओ तुम,
भैरवी संगीत से
रणभूमि में
बिगुल बजाओ तुम !
ओज से भरी हुई रचना। वे ही विजयी हो सकते हैं जिनमें विश्वास है कि वे विजयी होंगे।
बहुत सुंदर लगी यह वीर रस की कविता....
केवल एक वीर ही तो
पा सकता है
अत्यंत आनंद
जीवन के अंतिम दृश्य का ..!
...बहुत खूब.
Sundar rachna! Par veerta to jeevan ke angka aparihary ang hai! Veerta sirf ranbhoomi me nahi,balki,yuddh se swayam ko paravrutt rakhne me bhi aseem veerta hai! Ran ka ailaan to bahut aasaan hai! Mahayuddh to wahi jo Gandhi ne kiya! Na koyi khadg na dhaal!Phirbhi ek mahasatta ko parajit kiya!
बहुत ओजस्वी रचना ..शंखनाद सा करती हुई ....सच है धरती पर वीरों ने ही इतिहास रचे हैं ...बेहतरीन प्रस्तुति ..
जयहिंद
शोक त्याग कर
युद्ध करो
और गीता ज्ञान का
ध्यान करो ...
सुंदर भावाव्यक्ति बधाई
wah Anamika ji.......
achha likha hai.......desh bhakti ki bhawna se bhara hua...
बहुत ही
अच्छी रचना है
स्वतंत्रता दिवस पैर
वीरों को सत सत नमन ......
शोक त्याग कर
युद्ध करो
और गीता ज्ञान का
ध्यान करो ...
... behatreen rachanaa, badhaai !!!
आप की यह वीर रस की रचना बहुत अच्छी लगी, धन्यवाद
बहुत ही अच्छी और ओजस्वी रचना, स्वतन्त्रता दिवस की बधाई।
बेहतरीन रचना अनामिका जी, आपकी रचनाएं एक ख़ास क्लास को व्यक्त करती हैं ! शुभकामनायें आपकी लेखनी को !
आपके कबिता के मुकाबला में एगो सेर ठोंकते हैं
गिरते हैं शह सवार ही मैदाने जंग में
वो तिफ्ल क्या गिरेगा जो घुटनों के बल चले!!
पोर पोर ओज से भरा हुआ कबिता... हम त इसी से खुस है कि 26 जनवरी पर ऐसने एगो और कबिता मिलेगा पढने को!! अनामिका बहन, धन्यवाद!!
उत्साह भरती सुन्दर कविता।
केवल एक वीर ही तो
पा सकता है
अत्यंत आनंद
जीवन के अंतिम दृश्य का ..!
आम इंसान क्या
आनंद उठाएगा
मृत्यु संगीत का ?
वीरता के रस भरी हुई रचना ............
एक गीत याद आ रहा है
ये देश है वीर जवानों का
अलबेलों का मस्तानों का.........
शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है आपने...
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
गंभीर असहमति। कई बार भ्रम होता है कि काम तो मज़दूर ही करते हैं,साधु-संत तो बस बैठे रहते हैं। मगर वाक्पात का श्रम बुद्धि के बल पर जीने वाला ही जानता है। वैसे ही,वैराग्य एक विशेष स्थिति है। आम आदमी तो कीड़े-मकोड़ों सा जी ही रहा है,कितने लोग हैं जो राग-द्वेष से मुक्त हो पाए हैं? राग-द्वेष से मुक्ति के लिए अंतस् को जो युद्ध जीतनी होती है,वह रणभूमि से किसी कम महत्व का नहीं है। युद्ध बाध्यता ही है,कोई उसकी इच्छा नहीं करता। कृष्ण को ही देखिए,महाभारत में इतना खून-खराबा कराया कि आज कोई उन्हें बालरूप के अतिरिक्त याद नहीं करना चाहता। वैरागियों की बातों पर अगर दुनिया ध्यान दे तो रणभूमि स्वतः बेमानी हो जाएं।
waah!!!
bahot hi ojpurna rachna....
sahi samaya par sahi prastuti.....vande matram!!!
अत्यन्त सामयिक उद्बोधन ।
आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
वीरता को कैसे अपरिहार्य करें ...
खुद इतना डरते और बच्चों को इतना डराते ..
धूप तेज है , सर्दी ज्यादा है , भारी बारिश की सम्भावना है ...विद्यालय बंद किये जाने चाहिए ...और नहीं तो हम बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजेंगे ...
जब भय हमारे दिल से ही निकला ..आने वाली पीढ़ी शूरवीर बनेगी कैसे ..!
रोमांचित कर देने वाली कविता | स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये|
जय हिंद
http://rimjhim2010.blogspot.com/2010/08/blog-post_15.html
केवल एक वीर ही तो
पा सकता है
अत्यंत आनंद
जीवन के अंतिम दृश्य का ..!
आम इंसान क्या
आनंद उठाएगा
मृत्यु संगीत का ?
क्या बात है अनामिका जी बहुत ही सुंदर रचना
आपको स्वतंत्रता दिवस पर ढेरों शुभकामनाएं.
सशक्त ओजस्वी रचना, स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
रामराम.
बहुत ही अच्छी और ओजस्वी रचना, स्वतन्त्रता दिवस की बधाई...
स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
वीरता को अपरिहार्य करो -अरि मर्दन चरितार्थ करो !स्वतन्त्रता दिवस पर शुभकामनाएं.
वीरता को
त्याज्य नहीं..
अपरिहार्य करो !
सच कहा है ... सुंदर रचना है आज के दिन ....
आपको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ....
kya baat hai anamika ji.....wahwa...
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ !
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आपको बहुत बहुत बधाई .कृपया हम उन कारणों को न उभरने दें जो परतंत्रता के लिए ज़िम्मेदार है . जय-हिंद
क्या हम इस रस्मअदायगी से कभी मुक्त हो पाएंगे।
बन्दी है आजादी अपनी, छल के कारागारों में।
मैला-पंक समाया है, निर्मल नदियों की धारों में।।
--
मेरी ओर से स्वतन्त्रता-दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
--
वन्दे मातरम्!
स्वतंत्रता दिवश के सुभ अवसर पर हार्दिक बधाई
बहुत ही अच्छी रचना है ...
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आपको बहुत बहुत बधाई .कृपया हम उन कारणों को न उभरने दें जो परतंत्रता के लिए ज़िम्मेदार है . जय-हिंद
इस सुन्दर रचना के साथ स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई .
एक आत्मविश्वास जगाती हुए भावपूर्ण रचना..स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक सुंदर रचना ...अनामिका जी बढ़िया कविता के लिए बधाई..
मंगलवार 17 अगस्त को आपकी रचना ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है .कृपया वहाँ आ कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ....आपका इंतज़ार रहेगा ..आपकी अभिव्यक्ति ही हमारी प्रेरणा है ... आभार
http://charchamanch.blogspot.com/
आज ऐसे ही जागृति पैदा करने वाले गीतों की जरूरत है।
वीर रस पूरा छलक रहा है..अतिउत्तम रचना..बधाई.
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'शब्द-शिखर' पर प्रस्तुति सबसे बड़ा दान है देहदान, नेत्रदान
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