तेरा विश्वास सदा
आगे बढ़ने का रहा...
तूने बन्धनों से मुक्त हो
अपने मन की सीमाओं के
उस पर जाने का प्रयत्न किया
लेकिन बंधनों से मुक्त होना ही तो
सफलता नहीं है.
न ही आसक्ति के पहियों को कुचल,
इस प्रणय से विमुख
हो जाने मात्र से
तेरी उस निराकार
सफलता का मार्ग
प्रशस्त होना है .
विरक्ति का मार्ग
अपना लेने भर से ही
सिसकियाँ और आहें
पीछा नहीं छोड़ेंगी.
तूने रहस्यों की गूढता को
जानने का प्रयास ही
नहीं किया.
अपनी साँसों को सुन
उनके संकेतो को सुन
इस से प्रेरणा ले
इसी में उल्लास भी है
और विश्वास भी.
इसे खुद में आत्मसात कर
इस सत्य का अनुभव कर
जिसमे संतोष का योग है,
तू बन्धनों से मुक्ति
के लिए अनेक कुंठाओं और
विरोधों को जन्म दे कर
नए राग को
आरम्भ मत कर.
34 टिप्पणियां:
पुराने ही निभा सकें तो निभा लिये जायें।
Anamika ji
sundar rachna ke liye badhai sweekaren.
मेरी १०० वीं पोस्ट , पर आप सादर आमंत्रित हैं
**************
ब्लॉग पर यह मेरी १००वीं प्रविष्टि है / अच्छा या बुरा , पहला शतक ! आपकी टिप्पणियों ने मेरा लगातार मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया है /अपनी अब तक की " काव्य यात्रा " पर आपसे बेबाक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता हूँ / यदि मेरे प्रयास में कोई त्रुटियाँ हैं,तो उनसे भी अवश्य अवगत कराएं , आपका हर फैसला शिरोधार्य होगा . साभार - एस . एन . शुक्ल
सुन्दर गहन रचना के लिए आभार.
शब्द सामर्थ्य, भाव-सम्प्रेषण की दृष्टि से यह रचना अद्वितीय है। कविता काफी अर्थपूर्ण है। दुनिया वे बदलते हैं जो सच को उसके सम्पूर्ण तीखेपन के साथ महसूस करते हैं और उसे बदलने का साहस भी रखते हैं। बहुत सारे मोहभंगों के बीच यह आशावाद राहत भी देता है। आखिर जीने के लिए सपनों व संकल्पों की कोई रूपरेखा तो चाहिए।
सत्य का अनुभव कर
जिसमे संतोष का योग है,
तू बन्धनों से मुक्ति
के लिए अनेक कुंठाओं और
विरोधों को जन्म दे कर
नए राग को
आरम्भ मत कर.
--
अच्छा सन्देश देती हुई रचना!
अपनी साँसों को सुन
उनके संकेतो को सुन
इस से प्रेरणा ले
इसी में उल्लास भी है
और विश्वास भी.
सार्थकता का सन्देश देती सुन्दर और कोमल कविता
"तू बन्धनों से मुक्ति
के लिए अनेक कुंठाओं और
विरोधों को जन्म दे कर
नए राग को
आरम्भ मत कर"
सुदर पंक्तियाँ.
सुन्दर और भाव पूर्ण रचना के लिए बहुत-बहुत आभार...
इस लोक को तो अपना न सके
उस लोक में भी पछताओगे!
Sach me.. hum bhagte hi to rehte hain... samadhan ko peeche chhod k samasya k peechhe... thoughtful poem.. :)
रहस्य की गूढता जानने के लिए ही विरक्ति जन्म लेती है ...
अच्छी प्रस्तुति
आज तो बड़े दार्शनिक मूड में लग रही हैं ! क्या बात है ! इतनी अनुपम रचना रच डाली ! बहुत ही सुन्दर !
संसार से भागे फिरते हो
भगवान को तुम क्या पाओगे !
इतनी अप्रतिम रचना के लिये बहुत बहुत बधाई !
बंधनों से मुक्त होना ही सफलता नहीं है ...
एक सार्थक अपील!
अपनी साँसों को सुन
उनके संकेतो को सुन
इस से प्रेरणा ले
इसी में उल्लास भी है
और विश्वास भी.
अपनी साँसों को सुनना और उनसे ही प्रेरणा पाना , जीवन को समझने जैसा है बन्धनों से मुक्ति पाना है ....!
सुन्दर और भाव पूर्ण रचना| आभार|
saarthak aur sundar sandesh deti hui rachna.
लेकिन बंधनों से मुक्त होना ही तो
सफलता नहीं है.....
Great lines...
.
विरक्ति का मार्गअपना लेने भर से हीसिसकियाँ और आहेंपीछा नहीं छोड़ेंगी.
सुन्दर और भाव पूर्ण
शाश्वत सत्य को कहती सुन्दर रचना ..
सुंदर भाव और संदेश लिए दिल से निकली एक रचना !
विरक्ति का मार्ग
अपना लेने भर से ही
सिसकियाँ और आहें
पीछा नहीं छोड़ेंगी... bilkul sahi kaha
विरक्ति का मार्ग अपना लेने भर से ही सिसकियाँ और आहें पीछा नहीं छोड़ेंगी.......
अच्छा सन्देश देती हुई सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति....
बहुत सुंदर.... अर्थपूर्ण रचना
bahut sundar...gahan arth samjhati rachna
बहुत भावपूर्ण एवं मार्मिक प्रस्तुति ! बहुत सुन्दर
पुराने मुक्त कर के नए बंधन बनते रहते हैं .. [पर पुराने नहीं छूटते हैं ... गहरे भाव ...
गहन दर्शन............गहरा यतार्थ..........मेरा सलाम आपको इस पोस्ट के लिए.........बहुत अच्छी लगी..........हैट्स ऑफ
gahan chintan karwati rachna...
तू बन्धनों से मुक्ति
के लिए अनेक कुंठाओं और
विरोधों को जन्म दे कर
नए राग को
आरम्भ मत कर.
...गहन जीवन दर्शन की बहुत प्रभावी और सुन्दर अभिव्यक्ति....
विरक्ति का मार्ग
अपना लेने भर से ही
सिसकियाँ और आहें
पीछा नहीं छोड़ेंगी.
यही इस रचना और जीवन का सार है गहन भावों की अभिव्यक्ति बधाई
बहुत उम्दा...भावपूर्ण...
तूने रहस्यों की गूढता को
जानने का प्रयास ही
नहीं किया.
अपनी साँसों को सुन
उनके संकेतो को सुन
इस से प्रेरणा ले
इसी में उल्लास भी है
और विश्वास भी.
Hamesha kee tarah gazab kee rachana hai. Mai out of station thee,isliye der se pahunchee hun!
sarahneey rachna...badhayee swikar kijiye.
बहुत ही गहन है आपकी ये रचना,
बधाई,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
भावमय करते शब्दों के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
एक टिप्पणी भेजें